मुखर्जी और मारन मिले लेकिन बनी नहीं बात
८ मार्च २०११बैठक के बाद डीएमके नेता टी इलेनगोवन ने बताया कि मामला अभी सुलट नहीं पाया है. 13 अप्रैल को तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं और डीएमके ने कांग्रेस के साथ गतिरोध के बावजूद संभावित उम्मीदवारों से बातचीत करनी शुरू कर दी है.
यूपीए सरकार से बाहर निकलने का डीएमके ने अचानक फैसला किया जिससे कांग्रेस के सामने नई मुश्किल खड़ी हो गई है और अब प्रणब मुखर्जी इस समस्या के समाधान की कोशिशों का नेतृत्व कर रहे हैं. डीएमके नेताओं की सोमवार रात सोनिया गांधी से भी बातचीत हुई लेकिन विवाद का कोई समाधान नहीं निकल पाया.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यूपीए सरकार से मंत्रियों को हटाने के फैसले से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को दुख पहुंचा है. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद फिलहाल कोई हल होता नजर नहीं आ रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक सोनिया गांधी ने डीएमके नेताओं को बता दिया है कि उनके इस फैसले से वह नाखुश हैं. बजट सत्र से पहले डीएमके का यह फैसला कांग्रेस को हैरान कर गया है.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि डीएमके के इस फैसले की वजह पार्टी के अंदरूनी हालात हैं. दक्षिणी तमिलनाडु में दबदबा रखने वाले अड़ागिरी और उत्तरी तमिलनाडु में प्रभाव वाले उपमुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बीच टकराव चल रहा है.
प्रणब मुखर्जी पहले ही दो बार फोन पर डीएमके सुप्रीमो एम करुणानिधि से बात कर चुके हैं. यह भी माना जा रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इन प्रयासों का हिस्सा बन सकते हैं.
विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस चाहती है कि उसे 63 सीटें मिलें जबकि डीएमके सिर्फ 60 देने के लिए तैयार है. कांग्रेस ने पिछली बार विधानसभा चुनाव 48 सीटों पर लड़ा था. कांग्रेस जिन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है उन्हें चुनने का अंतिम अधिकार भी करुणानिधि अपने पास रखना चाहते हैं. कांग्रेस में एक धड़ा ऐसा है जो मानता है कि डीएमके को खुद ही समझ में आ जाएगा कि उसके इस कदम से उसे क्या नुकसान हो सकता है.
2जी स्पेक्ट्रम मामले में डीएमके कोटे से मंत्री बने ए राजा अब जेल में हैं और सीबीआई जांच की आंच अब डीएमके नेता और करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. डीएमके समर्थित एक न्यूज चैनल पर भी छापा पड़ चुका है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य