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मैंगलोर हादसा: ब्लैक बॉक्स मिला

२३ मई २०१०

मैंगलोर में क्रैश हुए एयरइंडिया एक्सप्रेस के विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. हादसे की जांच में मदद के लिए विमान कंपनी बोइंग के अधिकारी भी भारत आ रहे हैं.

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तस्वीर: AP

विशेषज्ञों की खोजी टीम को दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे से ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल गया. यह रिकॉर्डर पाइलट और एयर ट्रैफ़िक कट्रोल के बीच होने वाली बातचीत रिकॉर्ड करता है. इस बातचीत से यह पता चलेगा कि मैंगलोर के बाजपे एयरपोर्ट पर उतरते समय एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान के साथ क्या हुआ. विमान के अन्य टुकड़ों को भी गहन मुआयने के बाद हादसे वाली जगह से हटाया जाएगा.

ब्लैक बॉक्स में पायलटों की बातचीत का ब्यौरा होता है, जबकि फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर में हादसे से पहले विमान की स्पीड, एंगल और अन्य मशीनों की जानकारी दर्ज होती है. उम्मीद है कि ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर से दुर्घटना के कारणों का सही पता चल सकेगा.

दुर्घटनाग्रस्त होने वाला विमान नया ही था. हादसे के बाद अमेरिका से बोइंग कंपनी के विशेषज्ञ भारत आ रहे हैं. बोइंग ने अपने बयान में कहा है कि उसके विशेषज्ञ जांच में भारतीय अधिकारियों की मदद करेंगे. हादसे के सही कारणों का पता लगाने से पहले कई चीज़ों की जांच होनी है. जैसे, विमान का भार कितना था, उसमें कितना तेल था, विमान की स्पीड कितनी थी, उपकरण सही से काम कर रहे थे, लैंडिंग ऑपरेशन को पूरी तरह फॉलो किया गया या नहीं.

No Flash Flugzeugabsturz in Indien
तस्वीर: AP

शनिवार सुबह एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737-800 रनवे से फीट आगे चला गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान के चालक दल के सदस्य में बेहद अनुभवी ब्रिटिश पायलट जी ग्लूसिका थे. भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि ग्लूसिका को कमर्शियल फ़्लाइट उड़ाने का 10,200 घंटे का अनुभव था. वह कम से कम 19 बार पहले मैंगलोर एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेट कर चुके थे. हादसे में ग्लूसिका और उनके सहयोगी पायलट की मौत हो गई.

हादसे में बाल बाल बचे एक यात्री ने कहा, ''विमान में सब कुछ सामान्य था. लैंडिंग के वक्त किसी तरह की असामान्य एनाउंसमेंट भी नहीं हुई. विमान आराम से उतरा फिर कुछ झटके लगे. फिर एक आवाज़ आई और विमान के अंदर धुंआ भर गया.''

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़