मैर्केल की जीत से उछला यूरो
२३ सितम्बर २०१३एशियाई बाजार खुलते ही एक यूरो का दाम बढ़कर 1.3529 डॉलर हो गया. शुक्रवार को जब आखिर में न्यूयॉर्क का बाजार बंद हुआ, तब ये रेट 1.3524 था. सिंगापुर के आईजी मार्केट्स की बाजार रणनीति बनाने वाली केली तेओह कहती हैं, "यूरो जोन के मंदी से बाहर आने के बीच ये चुनाव अंतरराष्ट्रीय दिलचस्पी वाला बन गया." मैर्केल के तीसरी बार चांसलर बनने पर तेओह ने कहा, "निरंतरता को तो बाजार पसंद करता ही है." उम्मीद है कि यूरोप और अमेरिका के शेयर बाजार भी मैर्केल की जीत से ऊपर चढ़ेंगे.
यूरो संकट और अंतरराष्ट्रीय मंदी के बीच मैर्केल यूरोप की नेता बनकर उभरीं. मुश्किल वक्त में यूरोप का नेतृत्व करने की क्षमता ने जर्मन वोटरों को भी रिझाया. विश्लेषक चुनाव से पहले ही यह कह चुके थे कि यूरोप और यूरो को अगर संकट से कोई निकाल सकता है तो वो मैर्केल हैं.
ग्रीस के करीब करीब सभी अखबारों ने मैर्केल की जीत की खबर को प्रमुखता से छापा है. ग्रीस एक ऐसा देश है जहां मैर्केल के बचत कार्यक्रम की भारी आलोचना होती है और मैर्केल को वहां बिलकुल पसंद नहीं किया जाता. 'टा निया' नाम के अखबार ने लिखा है कि इस नतीजे के बाद जर्मनी 'मैर्केल लैंड' बन गया है. उन्होंने इसे 'बचत की रानी की जीत' करार दिया है. वहीं उदारवादी वामपंथी अखबार 'एलेफथेरोटिपिया' चांसलर की जीत को साफ जीत नहीं बताता. उसके मुताबिक चांसलर मैर्केल को एक पार्टनर की जरूरत है क्योंकि उनकी सहयोगी पार्टी एफडीपी बुरी तरह हार गई है.
इस बात की तसदीक यूरोपीय संघ के अध्यक्ष हरमान फान रॉम्पॉय की बधाई से भी हुई, "मैं अंगेला मैर्केल को चुनावी नतीजों के लिए बधाई देता हूं. मुझे पूरा भरोसा है कि जर्मनी और उसकी नई सरकार यहां के सभी नागरिकों के लिए एक समृद्ध और शांतिपूर्ण यूरोप बनाने के वचन और योगदान को जारी रखेंगी."
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रोंसुआ ओलांद ने 59 साल की अंगेला मैर्केल को बधाई के साथ फ्रांस आने का न्योता भी दिया. ओलांद ने कहा कि सरकार गठन के बाद मैर्केल पैरिस में आमंत्रित हैं. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने बयान जारी कर कहा, "यूरोप के निर्माण में आने वाली नई चुनौतियों को देखते हुए करीबी सहयोग जारी रहेगा."
ओएसजे/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)