मैर्केल को भेजा गया पार्सल बम
३ नवम्बर २०१०चांसलर दफ्तर में आए इस पार्सल बम को समय रहते निष्क्रिय कर दिया गया और इससे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. जर्मन गृह मंत्री थोमास दे मेजिएर ने बताया कि ये विस्फोटक देखने में और तकनीकी रूप से वैसे ही थे, जैसे ग्रीस में स्विस दूतावास को भेजे गए. मैर्केल को यह पार्सल रविवार को एथेंस से भेजा गया था. हालांकि मेजिएर ने कहा कि इस पार्सल बम का यमन से आने वाले हवाई जहाजों में पार्सल बमों से कोई संबंध नहीं है.
जर्मन सरकार के प्रवक्ता श्टेफेन जाइबेर्ट ने कहा कि यह 'छोटा पार्सल' निजी तौर पर मैर्केल के लिए था. जब इसे दफ्तर लाया गया तो मैर्केल बर्लिन में नहीं थीं. वह मंगलवार को ब्रसेल्स में थीं. जाइबेर्ट ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. जर्मन आपराधिक कार्यालय (बीकेए) की प्रवक्ता ने कहा कि पार्सल की खतरनाक सामग्री की जांच की जा रही है जिसके नतीजे बुधवार से पहले मिलने मुश्किल हैं.
बर्लिन के अखबार टागेसश्पीगेल ने लिखा है कि पार्सल में बारूद भरा था और भेजने वाले के नाम की जगह ग्रीस के आर्थिक मंत्रालय का पता था. डिलिवरी कंपनी यूपीएस द्वारा इस पैकेज को जर्मनी भेजा गया. पुलिस ने कहा कि पार्सल को फटने से रोकने के लिए उस पर पानी की बौछारें की गईं.
ग्रीस में पार्सल बमों के मामले में सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. खबरों के मुताबिक इन दोनों के पास फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी के लिए एक पार्सल था. मंगलवार को एथेंस में रूस और स्विट्जरलैंड के दूतावासों में पार्सल बमों से विस्फोट होने की खबर आई थी. तीन और दूतावासों को भेजे जा रहे पार्सलों को बीच में ही रोक लिया गया. पुलिस ने ग्रीस में जर्मनी, चिली और बुल्गारिया के दूतावासों को भेजे जा रहे पार्सलों पर नियंत्रित विस्फोट किए.
माना जा रहा है कि इन बमों के पीछे ग्रीस के उग्रवादी वामपंथी गुटों का हाथ है. ग्रीस में आर्थिक संकट के दौरान मैर्केल ने कड़ी बचत नीति पर जोर दिया था. उसके बाद वहां की सरकार ने जिस तरह की बचत अपनाई हैं, उससे जनता खुश नहीं है. ग्रीस की पुलिस ने इस बीच 'फायर सेल कॉन्सपिरेसी' नाम के गुट के पांच संदिग्ध सदस्यों की तस्वीरें जारी की हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः ए कुमार