मोदी यूक्रेन पर पुरानी नीति पर अडिग, फ्रांस से सहयोग बढ़ा
१४ जुलाई २०२३प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत रफाएल के जिक्र और शॉन-एलिजे पर भारतीय सेना की टुकड़ियों की परेड की तारीफ के साथ की. इसके साथ ही भारत के दूसरे सबसे बड़े रक्षा सहयोगी फ्रांस को उन्होंने रक्षा निर्माण में सहायक बनाने की ओर भी कदम बढ़ाया.
मोदी ने विश्वासपात्र रक्षा सहयोगीके तौर पर फ्रांस की तारीफ की और इस सहयोग को एक कदम आगे ले जाते हुए अब मोदी ने फ्रांस को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का अहम सहयोगी बताया. जाहिर है प्रधानमंत्री का इशारा फ्रांस की मदद से भारत में होने वाले रक्षा सामानों के उत्पादन की ओर है.
सौर और परमाणु ऊर्जा में बढ़ाएंगे सहयोग
मोदी ने कहा कि इंटरनेशनल सोलर अलायंस एक आंदोलन है. इंटरनेशनल सोलर एलायंस, कॉप 21 में शुरू हुई, भारत और फ्रांस की साझा पहल है. इसका मकसद दुनियाभर में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना और सौर ऊर्जा पर आने वाले खर्च को घटाना है. भारत सरकार के मुताबिक 114 देशों ने इस पहल पर हस्ताक्षर किए हैं. लंबे समय के लिए फ्रांस और भारत की कंपनियों के बीच एलएनजी के आयात के समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं.
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी दोनों देश सहयोग बढ़ाने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया कि भारत और फ्रांस छोटे और नई पीढ़ी के मॉड्यूलर रिएक्टर पर काम करेंगे.
हिंद-प्रशांत में सुरक्षा के लिए बना रहे रोडमैप
भारतीय प्रधानमंत्री ने एक बार फिर हिंद-प्रशांत के इलाके में स्थानीय शक्तियों के तौर पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की जिम्मेदारी को भी दोहराया. उन्होंने कहा कि हम इसके लिए एक रोडमैप पर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री का इशारा इस इलाके में बढ़ती चीनी आक्रामकता की ओर था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड और यूक्रेन युद्ध का असर पूरी दुनिया पर हुआ है लेकिन ग्लोबल साउथ पर इसका खासा बुरा असर हुआ है. इसके बाद उन्होंने बातचीत और कूटनीति के जरिए यूक्रेन में रूसी घुसपैठ के मुद्दे का हल निकालने की बात कही.
नेशनल म्यूजियम को मशहूर लूव्र का साथ
फ्रांस, भारत के नए राष्ट्रीय संग्रहालय के विकास में भी सहयोग देगा. खबरों के मुताबिक दुनिया का सबसे मशहूर म्यूजियम पेरिस का लूव्र भारत के नये नेशनल म्यूजियम की डिजाइनिंग और प्लानिंग में मदद करेगा. मोदी ने फ्रांस के दक्षिणी शहर मर्साय में नया भारतीय कॉन्सुलेट खोलने की घोषणा भी की.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने अपने भाषण की शुरुआत भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट की तारीफ करते हुए की. माक्रों ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया. इस मुद्दे पर फ्रांस को धन्यवाद कहते हुए मोदी ने भारतीय मूल के छात्रों को लॉन्ग टर्म वीजा दिए जाने के फैसला का स्वागत किया.
भारत से फ्रांस आने वाले छात्र मास्टर्स की डिग्री पूरी करने के बाद, फ्रांस में दो साल तक नौकरी की तलाश कर सकते थे. नए लॉन्ग टर्म वीजा के आने से अब वे अगले पांच साल तक नौकरी की तलाश कर सकेंगे. इससे भारतीय स्टूडेंट्स काफी खुश हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस में गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए राष्ट्रपति माक्रों को धन्यवाद भी दिया. भारतीय दल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा, फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची मौजूद थे.