1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

म्यांमार में नया दौरः सू ची

२ अप्रैल २०१२

आंग सान सू ची ने म्यांमार उपचुनावों में ऐतिहासिक जीत का संकेत मिलने के बाद म्यांमार में नया दौर शुरू होने की उम्मीद जताई है.

https://p.dw.com/p/14WE6
तस्वीर: Reuters

सू ची ने कहा, "जो सफलता हमें मिली है वह लोगों की सफलता है. यह हमारी उतनी जीत नहीं जितनी लोगों की जीत है. जिन्होंने देश की राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने का फैसला किया. हम उम्मीद करते हैं कि यह एक नए दौर की शुरुआत होगी."

इन चुनावों के कारण लंबे समय से नजरबंद रही सूची को पहली बार सत्ता के गलियारे में आने का मौका मिला है. अभी चुनावों के आधिकारिक नतीजे घोषित नहीं किए गए हैं. अगर आने वाले दिनों में सू ची की जीत पर आधिकारिक ठप्पा लग जाता है तो यह म्यांमार के इतिहास में बहुत अहम होगा. म्यांमार सालों से सैन्य शासन के अधीन रहा है और यहां लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं रही है. कई सौ लोगों को राजनीतिक कैदियों के तौर पर जेल में या नजरबंद रखा गया था. चुनाव के पहले इनमें से कई को छोड़ दिया गया.

Birma / Myanmar / Aung San Suu Kyi
तस्वीर: Reuters

सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने दावा किया है कि सू ची चुनाव जीत गई हैं और संसद में उनकी सीट पक्की है. इसके बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई.

मतदान के बाद सू ची ने कहा, "एनएलडी के सदस्यों का खुश होना स्वाभाविक है. लेकिन जो व्यवहार और शब्द दूसरी पार्टियों को आहत करे ऐसे व्यवहार से बचना चाहिए."

एनएलडी ने दावा किया है कि पार्टी सभी सीटों पर जीत गई है. हालांकि एनएलडी अगर 44 सीटें जीत भी जाए तो भी वह संसद में विपक्ष में ही बैठेगी.

इन उपचुनावों में सू ची का जीतना सालों से जारी सैन्य शासन के बाद मायने रखता है. संसद में विपक्ष की नेता के तौर पर उनके पास पूरा समर्थन रहेगा. उनकी पार्टी 2015 में होने वाले आम चुनावों पर नजर रखे है.

ऑस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी में म्यांमार मामलों की जानकार ट्रेवर विल्सन कहते हैं, "वे निश्चित ही अगले चुनाव जीतना चाहते हैं ताकि अपनी सरकार बना सकें."

Geschäftsleute mit Fragezeichen
यही है वह 'सवाल का निशान' जिसे आप तलाश रहे हैं. इसकी तारीख़ 02/04 और कोड 6987 हमें भेज दीजिए ईमेल के ज़रिए [email protected] पर या फिर एसएमएस करें +91 9967354007 पर.तस्वीर: Fotolia/Yuri Arcurs

अमेरिकी राष्ट्रपति हिलेरी क्लिंटन ने कहा, "चूंकि चुनाव के नतीजे अभी घोषित नहीं किए गए हैं, अमेरिका उन लोगों को बधाई देता है जिन्होंने इन चुनावों में हिस्सा लिया. इनमें से कई ने पहली बार चुनावी प्रकिया में भागीदारी की होगी."

म्यांमार की सरकार के तेज सुधारों ने आलोचकों को आश्चर्य में डाला है. हालांकि जातीय विवाद और मानवाधिकार के मुद्दे पश्चिमी देशों की आंख का कांटा बने हुए हैं.

2010 के चुनावों में सेना समर्थक धड़े की जीत हुई थी जिसमें धांधली के आरोप लगाए गए थे. इन चुनावों में सू ची के शामिल होने पर रोक लगी थी. इस रोक के बाद उनकी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया.

1990 के चुनावों में एनएलडी पार्टी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी. इस दौरान भी सू ची नजरबंद थीं. हालांकि जुंटा ने उस नतीजे को मानने से इनकार कर दिया था.

रिपोर्टः एएफपी/डीपीए/आभा एम

संपादनः एन रंजन