यहां ब्रेड से भी सस्ता बिक रहा है सेक्स
३ फ़रवरी २०२०अंगोला में 12 साल तक की लड़कियां अपने आपको 40 सेंट तक में बेच रही हैं ताकि अपने परिवार के लिए खाने का इंतजाम कर सकें. वर्ल्ड विजन संस्था का कहना है कि देश का दक्षिणी हिस्सा पिछले चार दशकों में सबसे भीषण सूखा झेल रहा है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दक्षिणी अफ्रीकी देशों में साढ़े चार करोड़ लोगों को पर्याप्त खाना नसीब नहीं हो रहा है. उसका कहना है कि लगातार सूखे, बाढ़ और आर्थिक अव्यवस्था के कारण "एक खामोश विपदा" का साया गहराता जा रहा है.
वर्ल्ड विजन का कहना है कि अत्यधिक निराशा के बीच अंगोला और जिम्बाब्वे में ऐसी लड़कियों की संख्या बढ़ रही है जिन्हें पेट भरने के लिए शरीर बेचने के सिवाय कोई और विकल्प नजर नहीं आता. अंगोला में वर्ल्ड विजन के आपात सेवाओं के निदेशक रोबर्ट बुल्टेन कहते हैं कि किसी लड़की को एक बार सेक्स करने के लिए 500 क्वांजा यानी एक डॉलर मिलता है. इतने में एक किलो बीन्स या दो किलो मक्का खरीदा जा सकता है. लेकिन कई बार उन्हें सिर्फ 200 क्वांजा भी मिलते हैं.
वह कहते हैं, "हम निश्चित तौर पर जानते हैं कि संख्या में इजाफा हुआ है. लेकिन कितना इजाफा हुआ है, निश्चित तौर पर नहीं बता सकते क्योंकि इस बारे में यहां खुल कर बात नहीं होती है. फिर भी मैं कहूंगा कि लड़कियों की एक बड़ी संख्या है जो यह काम कर रही है. हम 12 साल से 17 साल तक की लड़कियों की बात कर रहे हैं."
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बुल्टेन ने कहा कि पिछले एक साल में कई चीजों के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अगली फसल जून में आएगी. ऐसे में भुखमरी से हालात और बदतर हो सकते हैं.
जिम्बाब्वे में एक राहत संस्था केयर का कहना है कि ऐसी रिपोर्टें हैं कि 14 साल तक की लड़कियां भी अपना शरीर बेच रही हैं, खासकर दक्षिण अफ्रीका की तरफ जाने वाले रास्ते पर और सोने की खदानों के आसपास वाले इलाके में. केयर में क्षेत्रीय लैंगिक विशेषज्ञ एवरजोय माहुकु का कहना है, "कई बार तो उन्हें एक बार सेक्स करने के लिए सिर्फ 5 आरजीटी (0.31 डॉलर) ही मिलते हैं. यह भयानक है क्योंकि इससे एक डबलरोटी भी नहीं खरीदी जा सकती."
वहीं एक्शन एड संस्था में क्षेत्रीय सलाहकार चिकोंडी चाबवुता का कहना है कि मोजांम्बिक और मलावी में भी महिलाएं और लड़कियां पेट की भूख मिटाने के लिए अपना तन बेचने को मजबूर हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि दक्षिणी अफ्रीका के एक बड़े हिस्से में 1981 से कम बारिश हुई है. जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रहे तापमान ने भी स्थिति को मुश्किल बनाया है. इस संकट से प्रभावित देशों में जाम्बिया, मेडागास्कर, नामीबिया, लेसोथो और एस्वातिनी भी शामिल हैं.
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राहत कर्मी कहते हैं कि कई लड़कियों को परिवार का पेट पालने के लिए पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ रही है. वर्ल्ड विजन के बुल्टेन कहते हैं कि संकट की वजह से बलात्कार और बाल विवाह के मामले भी बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि पानी लेने के लिए दूर जाने वाली या फिर जंगलों में काम करने वाली लड़कियों की सुरक्षा खास तौर से खतरे में है.
मुश्किलों का सामना कर रहे परिवार सोचते हैं कि लड़कियों की जल्दी शादी कर दी जाए तो परिवार में खाने वाले कम होंगे. लेकिन बुल्टेन कहते हैं कि लड़कियों को देह व्यापार में जाने से रोकने के लिए भी कई बार उनकी जल्दी शादियां की जाती हैं. अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट सोसाइटीज का कहना है कि जिम्बाब्वे, जाम्बिया, लेसोथो और नामीबिया में बाल विवाहों की संख्या बढ़ रही है.
एके/एमजे (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
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