यूरोप उठाएगा बाल पोर्नोग्राफी के ख़िलाफ़ क़दम
७ अप्रैल २०१०यूरोपीय संघ चाहता है कि सभी सदस्य देश बाल पोर्नोग्राफी से सबंधित साइटों पर प्रवेश में बाधा डालें. इस तरह के वेबसाइटों को ब्लॉक करने का प्रस्ताव बच्चों की सुरक्षा के लिए यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित व्यापक निर्देश का हिस्सा है. यूरोपीय संघ की गृहनैतिक कमिसार सेसिलिया माल्मस्ट्रौएम का कहना है कि बाल पोर्नो वाले इंटरनेट साइटों की संख्या बढ़ती जा रही है, यौन शोषण का शिकार होने वाले बच्चों की उम्र कम होती जा रही है और तस्वीरें हिंसक होती जा रही हैं.
कमिसार माल्मस्ट्रौएम का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा के क़दम उठाना आवश्यक हो गया है. उनका कहना है, "शिशुओं के साथ दुराचार होता है, उनका बलात्कार होता है और इसका प्रसारण इंटरनेट पर किया जाता है. इसका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से कोई लेना देना नहीं है, यह एक भयानक अपराध है जो इन बच्चों के सम्मान का हनन करता है और इसके ख़िलाफ़ लड़ा जाना चाहिए."
माल्मस्ट्रौएम इस का फ़ैसला सदस्य देशों पर छोड़ देना चाहती हैं कि वे इस तरह के पेजों का कैसे ब्लॉक करेंगे. स्कैंडेनिवाई देशों , इटली और ब्रिटेन में पहले से ही इस तरह के कानून हैं.
"यह पद्धति विभिन्न सदस्य देशों में मौजूद है. यह काम कर रही है और हर दिन बाल पोर्नोग्राफ़ी वाले पन्नों पर चाहे अनचाहे जाने वाले हज़ारों लोगों को रोक रही है."
आलोचकों की आशंका है कि अगर एक बार इंटरनेट के साइटों को ब्लॉक करने की शुरुआत हो जाती है तो दूसरे इलाकों में भी धीरे धीरे सरकारी हस्तक्षेप शुरू हो जाएगा. जर्मन सरकार ब्लॉक करने के बदले डिलीट करने का समर्थन कर रही है. यूरोपीय संघ भी बाल पोर्नोग्राफी वाले साइटों को डिलीट किए जाने को अच्छा समाधान मानता है. लेकिन सेसेलिया माल्मस्ट्रौएम कहती हैं, "ये स्रोत अकसर यूरोपीय संघ के बाहर दूर दराज के देशों में हैं जिनके साथ हमारे बहुत कम संबंध हैं. इसलिए मेरा विचार है कि हमें दोनों करना चाहिए."
एक साल पहले भी यूरोपीय संघ ने ऐसे ही प्रस्ताव दिए थे. उस समय इंटरनेट उद्योग के आत्म नियंत्रण की भी चर्चा हुई थी. लेकिन सोशल डेमोर्कैटिक सांसद वोल्फ़गांग क्राइस्ल-डौर्फ़लर को इससे बहुत उम्मीद नहीं है. "जब कोई दबाव नहीं होता तो इंटरनेट उद्योग स्वयं नियंत्रण नहीं करता, क्योंकि इसमें समय और पैसा ख़र्च होता है, इसके लिए लोगों की बहाली करनी होती है. लोग ऐसे ही हैं. जब दबाव और नियंत्रण नहीं होता तो कोई कार्रवाई भी नहीं होती."
माल्मस्ट्रौएम के प्रस्ताव पर यूरोपीय संसद विभाजित है. अब तक जो फिल्टर इंटरनेट में लगाए गए हैं वे यूरोपीय संसद की अनुमति के बिना लगाए गए हैं. यूरोपीय सांसदों की राय है - ये मुद्दे संसद के लिए कम महत्व के नहीं हैं. संसद और यूरोपीय संघ की मंत्रि परिषद को अब इस मुद्दे पर विचार करना होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य