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यूरोप में फिर तेजी पकड़ता कोरोना

१३ अगस्त २०२०

पहले जर्मनी ने कोरोना संक्रमण को काफी हद तक काबू में किया. फिर इटली, स्पेन और फ्रांस ने भी घातक महामारी से खुद को राहत पहुंचाई. लेकिन अब लग रहा है कि राहत की ये भावना छलावा है.

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Deutschland | Coronavirus | Schulstart
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Fassbender

मई के आखिर तक कोरोना संक्रमण की दर को बहुत नीचे लाने वाले जर्मनी में अब हर दिन एक हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. बुधवार को जर्मनी में 24 घंटे के भीतर इंफेक्शन के 1,445 मामले दर्ज किए गए. कोरोना वायरस की पहली लहर में जहां पीड़ितों की औसत उम्र 49 साल थी, वहीं ताजा मामलों में यह 34 साल है. जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री येंस स्पान ने लोगों से बेहद चौकन्ना रहने की अपील की है, "पिछले हफ्ते हमारे सामने औसत उम्र 34 साल थी, शुरूआत से अब तक यह सबसे निचली औसत उम्र है.”

रोगियों की औसत उम्र का कम होना ज्यादा खतरनाक है. युवा शारीरिक और सामाजिक रूप से ज्यादा सक्रिय रहते हैं. वे अधिक घूमते फिरते हैं और उम्रदराज लोगों की तुलना में ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं, यानि अगर कोई युवा संक्रमित हुआ तो वह ज्यादा लोगों तक वायरस को पहुंचा सकता है.

नए मामलों से छुपा ट्रेंड

बेल्जियम ने अपनी राजधानी ब्रसेल्स के कई इलाकों में सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. सिर्फ खेल खेलते समय मास्क उतारने की छूट है. नए नियमों के मुताबिक एक इंसान ज्यादा से ज्यादा पांच लोगों से ही मिल सकता है. खरीदारी अकेले करनी होगी. उत्तरी बेल्जियम के मशहूर तटीय शहर एंटवेर्प में इससे भी कड़ी पाबंदियां लगाने की तैयारी हो रही है.

Symbolfoto Coronavirus
तस्वीर: picture-alliance/Geisler-Fotopress

स्टॉकहोम स्थित यूरोपीय सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) का कहना है कि बीते कुछ हफ्तों पर गौर करें तो यूरोप में एक साफ ट्रेंड दिखाई पड़ रहा है. लक्जमबर्ग और बेल्जियम में केस बढ़े हैं. वहीं उत्तरी स्पेन, रोमानिया, बुल्गारिया, माल्टा और लिस्बन के आस पास भी ऐसा ही हाल है. जर्मनी के रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट ने तो स्पेन की राजधानी मैड्रिड और एंटवेर्प को लेकर चेतावनी भी जारी की है, ताकि जर्मन पर्यटक इन इलाकों में जाने से बचें.

जल्द वैक्सीन की उम्मीद

जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री को उम्मीद है कि जल्द ही यूरोप के पास भी कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन होगी, "मुझे आशा है कि आगामी महीनों में और निश्चित रूप से अगले साल तक, वैक्सीन मिल सकती है.”

स्पान ने कोई निश्चित समय नहीं बताया. इससे पहले बुधवार को रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट ने इसी साल पतझड़ तक वैक्सीन पेश करने का एलान किया था. हालांकि कुछ ही घंटों बाद इंस्टीट्यूट ने "एक गलती" स्वीकार करते हुए उस रिपोर्ट को वापस ले लिया.

ओएसजे/एमजे (डीपीए, एएफपी)

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