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कानून और न्याय

बलात्कार पीड़िता पर अदालत की "लैंगिकवादी" टिप्पणी

२८ मई २०२१

यूरोप की सर्वोच्च मानवाधिकार अदालत ने इटली की अदालत द्वारा एक बलात्कार पीड़िता पर "लैंगिकवादी" टिप्पणी की आलोचना की है. उसने कहा है कि इटली की अदालत ने पीड़िता पर फिर से अत्याचार किया है.

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Weltspiegel 11.03.2021 | Rumänien | Proteste gegen häusliche Gewalt in Bukarest
तस्वीर: Daniel Mihaulescu/AFP/Getty Images

मामला इटली के फ्लोरेंस शहर का है जहां 2008 में एक छात्रा का सामूहिक बलात्कार करने के जुर्म में छह लोगों को सजा हुई थी. लेकिन हाल ही में फ्लोरेंस की पुनर्विचार अदालत ने सभी अभियुक्तों को निर्दोष पाया और उन्हें बरी कर दिया. यूरोप की मानवाधिकार अदालत (ईसीएचआर) ने फ्लोरेंस की अदालत पर पीड़िता पर फिर से अत्याचार करने का और "लैंगिक स्टीरियोटाइप (रूढ़ रूपों)" को बनाए रखने का आरोप लगाया.

स्ट्रासबोर्ग स्थित मानवाधिकार अदालत ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा से मुकाबला करने में आपराधिक सुनवाइयों की एक अहम भूमिका होती है. उसने यह भी कहा है कि फ्लोरेंस अदालत का यह व्यवहार देश की न्यायिक व्यवस्था में भरोसे को कमजोर कर सकता है. उसके अनुसार अदालत ने जिस भाषा और दलीलों का इस्तेमाल किया है उससे "इटली के समाज में महिलाओं की भूमिका को लेकर मौजूद पूर्वाग्रहों का पता चलता है." ईसीएचआर ने कहा विशेष रूप से पीड़िता के लाल अंडरवियर, उसकी द्विलैंगिकता, उसके प्रेम संबंध और कैज़ुअल यौन संबंधों के बारे में टिप्पणियां अनुचीत थीं.

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स्ट्रासबोर्ग स्थित यूरोप की सर्वोच्च मानवाधिकार अदालत का एक कमरातस्वीर: Christian Beutler/KEYSTONE/picture alliance

उसने यह भी कहा कि पुनर्विचार अदालत ने घटना के कुछ महीनों पहले अभियुक्तों में से एक द्वारा बनाई गई अश्लील फिल्म में शामिल होने के महिला के फैसले से जो निष्कर्ष निकाले हैं वो भी एक गलत कदम है. ईसीएचआर के मुताबिक अदालत द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा और दलीलें "संभवतः लिंग-आधारित हिंसा के पीड़ितों के अधिकारों की प्रभावी सुरक्षा के रास्ते में अड़चन बन सकती हैं."

मानवाधिकार अदालत ने यह भी कहा कि यूरोपीय मानवाधिकार कन्वेंशन के तहत पीड़िता के निजता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है और उसके लिए इटली की सरकार को पीड़िता को 12,000 यूरो हर्जाना देना होगा. उसने कहा कि अदालतों को "लैंगिकवादी रूढ़ रूपों को दोहराने" से या "अपराध बोध प्रेरित करने वाली और आलोचनात्मक टिप्पणियों" के जरिए महिलाओं के अतिरिक्त उत्पीड़न का रास्ता खोलने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे न्यायिक व्यवस्था में भरोसा कमजोर होता है. ईसीएचआर को फ्लोरेंस अदालत के फैसले पर सुनवाई करने के लिए अपील नहीं की गई थी.

सीके/एए (रॉयटर्स)

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