यूरोपीय संसद ने कहा, मां को ज्यादा वक्त मिले
२१ अक्टूबर २०१०यूरोपीय संसद ने बुधवार को महिलाओं के लिए प्रसव अवकाश बढ़ाने के प्रस्ताव को मान लिया. प्रस्ताव के मुताबिक अब कामगार महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान तनख्वाह भी मिलेगी और पांच महीने की छुट्टी भी. पहले प्रसव अवकाश 14 हफ्ते का था, जिसे अब 20 हफ्ते करने की तैयारी है. प्रस्ताव के पक्ष में 390 वोट पड़े, विरोधी 192 मत ही जुटा सके.
यूरोपीय आयोग का कहना है कि मां बनने वाली महिलाओं को 18 हफ्ते का अवकाश देना चाहिए. संसद ने इसमें दो हफ्ते और जोड़ दिए. संसद ने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि पिता को भी बच्चा पैदा होने पर एक हफ्ते के बजाए दो हफ्ते की पेड लीव मिलनी चाहिए.
प्रस्ताव को पहली हरी झंडी मिलने के बाद अब यूरोपीय संघ के 27 देशों की सरकारें इस पर बहस करेंगी. उसके बाद आखिरी वोटिंग के लिए प्रस्ताव को फिर यूरोपीय संसद में लाया जाएगा. लेकिन इसका विरोध करने वालों के स्वर अब भी मुखर हैं. बुल्गारिया में महिलाओं को 45 हफ्ते का प्रसव अवकाश दिया जाता है. जर्मनी और माल्टा में मां बनने वाली महिलाओं को कम से कम 14 हफ्ते का अवकाश दिया जाता है.
इन परिस्थितियों को देखते हुए कुछ सरकारों का कहना है कि वेतन के साथ पांच महीने का प्रसव अवकाश आर्थिक बोझ बढ़ाएगा. विरोध करने वालों का तर्क है कि इससे करदाताओं पर ज्यादा मार पड़ेगी. बड़े उद्योपतियों का कहना है कि इस प्रस्ताव से निजी कंपनियां महिलाओं को नौकरी देने में कतराएंगी. कोई कंपनी नहीं चाहेगी कि महिला पांच महीने छुट्टी पर जाए और तनख्वाह भी पाती रहे.
यह सिर्फ यूरोप की समस्या नहीं है. अमेरिका, भारत और चीन जैसे देशों में भी महिलाओं के लिए प्रसव अवकाश भारी समस्या बनता जा रहा है. महिला संगठन आरोप लगाते हैं कि निजी कंपनियां महिलाओं को प्रसव कालीन अवकाश देने के बजाए उन्हें नौकरी से निकालना बेहतर समझती हैं. ऐसे कई मामले अदालतों में सामने आ रहे हैं.
रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार