फिर शुरू हुआ गुर्जर आरक्षण आंदोलन
२ नवम्बर २०२०गुर्जर समाज के लोग 2007 से आरक्षण की मांग कर रहे हैं. उन्होंने पहले भी कई बार आंदोलन किए हैं, जिनमें कई बार स्थिति अप्रिय भी हो गई थी और हिंसा भी हुई थी. पूर्व में उनके लिए राज्य सरकार ने पांच प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा भी की है लेकिन इसे अदालतों में चुनौती दी गई है क्योंकि उसे लागू करने से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होता है.
सुप्रीम कोर्ट ने देश में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा लगाई हुई है. एक बार फिर प्रदर्शनों की शुरुआत करते हुए गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि पिछले दो सालों में आरक्षण के बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी चार बार बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कुछ भी हुआ नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसीलिए इस बार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं उनका प्रदर्शन चलता रहेगा. बैंसला ने यह भी कहा कि एक तरफ तो बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार बैठे हुए हैं और दूसरी तरफ 25,000 नौकरियां अटकी हुई हैं, जिसकी वजह से युवाओं में बहुत गुस्सा है.
प्रदर्शनकारी भरतपुर जिले में पटरियों पर बैठ गए हैं जिससे दिल्ली-मुंबई राजधानी समेत कई विशेष ट्रेनों की सेवाओं पर असर पड़ा है. मीडिया में आई खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि इस बार गुर्जर आंदोलन में दो धड़े हैं, जिनमें एक का नेतृत्व बैंसला कर रहे हैं तो दूसरे का हिम्मत सिंह गुर्जर नाम के एक दूसरे गुज्जर नेता.
हिम्मत सिंह वाले धड़े के प्रतिनिधियों की शनिवार को राज्य सरकार से बातचीत हुई. उन्होंने राज्य सरकार की कैबिनेट उप-समिति द्वारा सुझाए गए 14 बिंदुओं से सहमति जताई और आंदोलन स्थगित करने देने का आश्वासन दिलाया. लेकिन बैंसला वाले धड़े ने आंदोलन जारी रखा हुआ है और घोषणा की है कि इस बार आरक्षण लिए बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा.
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