रियो पर क्या है आपकी राय
८ मई २०१२गरीबी, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा के कम अवसर - साल 2012 में दुनिया भर में लोग इन समस्याओं से जूझते रहेंगे. ऐसा भी नहीं है कि इनके बारे में अभी अभी पता चला हो. अंतरराष्ट्रीय समुदाय बरसों से इनका हल निकालने में लगा है. 1992 में ही संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन ने रियो डे जनेरो में पर्यावरण संरक्षण, गरीबी मिटाने और विकास के मुद्दों पर नए लक्ष्य तय किए. 20 साल बाद एक बार फिर ब्राजील के इसी शहर में सम्मलेन होने जा रहा है. इतने सालों बाद भी वही समस्याएं और वही सवाल हैं.
तो आखिर ऐसा क्या किया जा सकता है कि दुनिया भर की समस्याओं से निजात पाया जा सके? क्या आप के पास ऐसे सुझाव हैं जिससे हर व्यक्ति बेहतर भविष्य में अपना योगदान दे सके? और इसमें राजनीति और अर्थव्यवस्था की क्या भूमिका होनी चाहिए?
हमें भेजें अपनी राय
आप हमें अपनी राय एक तस्वीर या वीडियो संदेश के रूप में ईमेल से भेज सकते हैं. यह तस्वीर 10 एमबी से अधिक नहीं होनी चाहिए. पता: [email protected] सब्जेक्ट: Rio20. आपके भेजे गए वीडियो को हम अपने ऑनलाइन पेज "वॉयसेज ऑफ टुडे - आइडियाज फॉर टुमॉरो" पर प्रकाशित करेंगे. आपकी भेजी गई तस्वीरों को हम अपने फेसबुक पेज और अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित करेंगे. फेसबुक पर, हमारी वेबसाइट पर और "वॉयसेज ऑफ टुडे - आइडियाज फॉर टुमॉरो" पर इन तस्वीरों को एक इंटरएक्टिव दुनिया के नक्शे में दिखाया जाएगा. साथ ही हमारी सहयोगी वेबसाइटों पर भी इन्हें दिखाया जाएगा.
दुनिया भर से
रियो में हुई बैठक से "एजेंडा 21" नाम से एक परियोजना तैयार की गई. लेकिन 20 साल बाद भी कोई सफलता हासिल होती नहीं दिख रही और दुनिया की लगातार बढ़ती हुई आबादी विकास की कोशिशों को और भी मुश्किल बना रही है. रियो में होने जा रहे दूसरे सम्मेलन में विकास के लिए स्थायी समाधान ढूंढने की कोशिश की जाएगी. इस मौके पर दुनिया भर से कई देशों के प्रमुख, राजनीति और अर्थव्यवस्था के जानकार, नागरिक समाज और मीडिया के प्रतिनिधि यहां पहुंचेंगे. इनके आलावा कई गैरसरकारी संगठन भी दुनिया के लिए बेहतर भविष्य की योजनाएं बनाने में सहयोग देंगी. रियो+20 शिखर सम्मलेन से बहुत उम्मीदें बंधी हैं. तो ऐसे कौन से कदम उठाए जा सकते हैं या उठाए जाने चाहिए जिनकी मदद से यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाली पीढ़ियों को भी एक सुंदर जीने लायक दुनिया मिलेगी. ऐसे उपाय जिनसे यह तय किया जा सके कि बढ़ती आबादी के बावजूद हर किसी को भरपेट खाना और रोजगार मिलेगा.
आपके संदेश
हम इन समस्याओं पर नजर रखे हुए हैं, इनका विश्लेषण कर हम इनके उपाय ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए हम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से मिसाल खोज रहे हैं. हमारे खास मल्टीमीडिया पेज "वॉयसेज ऑफ टुडे - आइडियाज फॉर टुमॉरो" पर आप अपने सुझाव और अपनी मांगें भेज सकते हैं. इस ऑनलाइन पेज से हम उन्हें सरकारों के प्रतिनिधियों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे. आप हमें अभी से अपने संदेश भेजना शुरू कर सकते हैं. हम जून के शुरू में इस प्रोजेक्ट को अपनी वेबसाइट पर जारी कर देंगे.
रिपोर्टः मिरियम गेयरके/ईशा भाटिया
संपादनः ए जमाल