रिलायंस जियो के करोड़ों ग्राहकों की जानकारी लीक
१० जुलाई २०१७रिलायंस जियो ने कहा है कि वह अपने 10 करोड़ ग्राहकों के डाटा के कथित रूप से लीक होने के मामले की जांच कर रहा है. जियो यूजर्स की जानकारियां magicapk.com नाम की वेबसाइट पर लीक हुई बतायी जा रही हैं. उस साइट पर एक सर्च बॉक्स था, यहां कोई भी जियो नंबर डालकर उस नंबर के साथ दर्ज ग्राहक की कई निजी जानकारियां हासिल की जा सकती थीं. भारतीय समाचारपत्रों में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक कई ग्राहकों को उस साइट पर ना केवल उनका नाम बल्कि उनकी ईमेल आईडी और उसका आधार नंबर भी दिखायी दे रहा था. यह वेबसाइट रविवार देर रात से बंद दिख रही है.
इतने बड़े डाटा लीक की खबर पर जियो ने कहा है, ''लीक हुए डाटा सही नहीं हैं और ना ही लीक हुई इन जानकारियों का कोई पुख्ता प्रमाण है. यूजर्स के डाटा को हाई-सिक्योरिटी में रखा गया है. यूजर्स के डाटा सेफ हैं और हम मामले की जांच कर रहे हैं.''
लेकिन लोग ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइटों पर इस डाटा लीक की शिकायत कर रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस जैसे कुछ भारतीय अखबारों ने खुद अपने स्तर पर की गयी छानबीन से इस बात की पुष्टि की है कि उस साइट पर मौजूद जानकारी असली है. हालांकि, रिलायंस जियो ने अखबार की रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
'इंडियन एक्सप्रेस' की वेबसाइट ने कुछ जियो नंबरों के बारे में Magicapk.com वेबसाइट पर खोजबीन की और पाया कि एक हफ्ते पहले तक खरीदे गये नंबरों की सारी जानकारी वहां मौजूद थीं. वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक यह साफ नहीं हो सका कि सभी जियो नंबरों की जानकारी उस वेबसाइट पर लीक हुई है या नहीं. लेकिन, एक स्थानीय टेक वेबसाइट 'मीनियानामा' ने भी दावा किया कि उन्हें भी Magicapk.com पर कई जियो नंबर को सर्च करने पर उन नंबरों से जुड़ी सारी सही जानकारियां मिलीं.
अब तक इसकी कोई जानकारी नहीं है कि यह डाटा इस वेबसाइट के पास कैसे पहुंचा. रिलायंस जियो ने आधार कार्ड के माध्यम से ही लोगों को अपने सिम दिये थे. आधार के इस्तेमाल को और बढ़ाने के लिए कंपनी ने नया सिम कार्ड देने के लिए यूजर्स से और कोई दस्तावेज नहीं लिया था. लेकिन इस लीक के साथ ही अब आधार कार्ड में दर्ज जियो यूजर्स की सभी नीजि जानकारियां ऐसे सार्वजनिक होने का मामला सामने आया है. रिलांयस इंडस्ट्री की टेलिकॉम कंपनी जियो सितंबर 2016 में लॉन्च की गयी थी और अब तक इसके 12 करोड़ से भी ज्यादा ग्राहक बन चुके हैं.
एसएस/आरपी (रॉयटर्स)