1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

रूस और यूक्रेन की बातचीत से बढ़ी उम्मीद, पर हमला जारी

१६ मार्च २०२२

यूक्रेन पर रूसी हमलों के बढ़ते शोर के बीच दोनों देशों ने बातचीत आगे बढ़ने का दावा किया है. हालांकि हमलों में इस दौरान कोई कमी नहीं आई है और कीव की सरकारी इमारतों के पास रूसी बमों के धमाके गूंजने लगे हैं.

https://p.dw.com/p/48ZNb
कीव में ध्वस्त हुई इमारतों के बीच से निकलती मां और उसका बच्चा
कीव में ध्वस्त हुई इमारतों के बीच से निकलती मां और उसका बच्चातस्वीर: State Emergency Service of Ukraine/Handout/REUTERS

यूक्रेन पर रूस का हमला कीव के अंदर घुसता हुआ सरकारी इमारतों के करीब आ पहुंचा है. इस दौरान कई बहुतमंजिली इमारतें रूसी बमों और तोप के गोलों का निशाना बनी हैं. बुधवार को कई इमारतों में जलती आग की लपटें और कीव के आसमान पर काले धुएं के बादल मंडराते नजर आए. कीव से सटे उपनगरों में भी काफी बमबारी हुई है.

तेज हुए रूसी हमले की चपेट में खारकीव और मारियोपोल भी हैं. मारियोपोल पर तो कई दिनों से जारी घेराबंदी ने गंभीर मानवीय संकट पैदा कर दिया है.

मध्य कीव के इलाके में एक बहुमंजिली इमारत की पूरी ऊपरी मंजिल हमले की चपेट में आ कर बुधवार को ध्वस्त हो गई. इसके बाद लगी आग से पूरी राजधानी के आसमान का रंग गहरा हो गया. आपातकालीन सेवा ने आग में दो लोगों के शिकार बनने की बात कही है हालांकि यह नहीं बताया है कि वो घायल हुए हैं या उनकी मौत हुई.

रूस की बमबारी में रिहायशी इमारतें निशाना बन रही हैं
रूस की बमबारी में रिहायशी इमारतें निशाना बन रही हैंतस्वीर: Thomas Peter/REUTERS

कीव के उपनगरों पर भी बमबारी लगातार जारी है इसकी वजह से हजारों लोगों के लिए घर को गर्म रखने और पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है. रूसी सेना शहर की सप्लाई लाइन को बंद करने की कोशिश में जुटे हैं. कीव के दक्षिण पश्चिम में मौजूद मारखालिवका पर हुए हमले में रिहायशी इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. हालांकि पूरे नुकसान का अभी ब्यौरा नहीं मिल सका है.

यह भी पढ़ेंः अमेरिकी सीनेट ने पुतिन को युद्ध अपराधी माना

इवानकीव पर कब्जा

रूस ने अब इवानकीव शहर पर कब्जा कर लिया है जो राजधानी कीव के उत्तर में करीब 80 किलोमीटर दूर है. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बेलारूस की सीमा से लगते आसपास के इलाके का नियंत्रण यही शहर करता है.

हमले की बौछार उत्तर पूर्वी शहर खारकीव पर भी नहीं रुकी है. यह शहर रूसी सीमा के करीब है और इस पर लगातार बमबारी हो रही है. यूक्रेनी सैनिक शहर में घूसने की रूसी सैनिकों की कोशिश को लगातार नाकाम कर रहे हैं.

इस बीच खेरसॉन के आसपास भी काफी धमाके सुनाई पड़े हैं. काले सागर से लगता यह इलाका रणनीतिक लिहाज से अहम है. राष्ट्पति के कार्यालय ने चेतावनी दी है कि यह इलाका गंभीर मानवीय संकट की चपेट में आ सकता है.

बुरी तरह ध्वस्त हुई इमारत में किसी जिंदा को बचाने जाता राहतकर्मी
बुरी तरह ध्वस्त हुई इमारत में किसी जिंदा को बचाने जाता राहतकर्मीतस्वीर: Mikhail Palinchak/ZUMAPRESS/picture alliance

क्या यूक्रेन के लोग बाहर निकल पा रहे हैं

मंगलवार को स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि मारियो पोल से अलग अलग मानवीय गलियारों के जरिए 28,000 आम लोग बाहर निकलने में कामयाब हुए हैं. हजारों कारों में ये लोग बाहर गए. हालांकि इस बीच कई जगहों पर रूसी सेना के हमले चलते रहे. मारियोपोल में खाना, गर्मी और पीने के पानी की भारी कमी हो गई है. इस वजह से बहुत से लोगों के सामने जीवन का संकट है.

एक स्थानीय अधिकारी ने बताया है कि रूसी सेना ने मारियोपोल के सबसे बड़े अस्पताल को अपने कब्जे में ले लिया है और सैकड़ों लोगों को इमारत में बंधक बना लिया है. मानवीय सहायता लेकर जाने वाली गाड़ियों के काफिले बार बार शहर में घुसने की कोशिश में हैं लेकिन उन्हें अकसर गोलीबारी के चलते रुकना पड़ रहा है. हालांकि कुछ सहायता वहां पहुंचाने में कामयाबी मिली है. इसके साथ ही सुमी की तरफ मानवीय गलियारे के सहारे लोगों को यहां से निकाला भी गया है.

समय से पहले पैदा हुए बच्चे मारियोपोल में अस्पताल की बेड पर
समय से पहले पैदा हुए बच्चे मारियोपोल में अस्पताल की बेड परतस्वीर: Evgeniy Maloletka/AP Photot/picture alliance

किन बातों की पुष्टि हुई है?

भारी अव्यवस्था और तबाही में घिरे खारकीव के डॉक्टर कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने के लिए जूझ रहे हैं. खारकीव के रीजनल क्लिनिकल इंफेक्सियस डीजिज अस्पताल के बाहर बार बार हवाई हमलों के सायरन सुनाई दे रहे हैं. इसे सुन  कर मरीजों की हालत और बिगड़ जाती है. इनमें से कई वेंटीलेटर पर हैं और सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसी हालत में उन्हें भाग कर बम शेल्टर में शरण लेनी पड़ रही है. अस्पताल के डॉक्टर नावेल नार्तोव ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, "बमबारी सुबह से लेकर रात तक चलती है. यह किसी भी पल हम पर पड़ सकती है."

इन सब के बीच कूटनीतिक प्रयासों में भी तेजी आई है. बुधवार को एक बार फिर दोनों देशों के प्रतिनिधि अगले दौर की बातचीत करने की तैयारी में हैं. दोनों पक्षों के रुख में नजर आ रही उम्मीद जल्दी ही किसी नतीजे के संकेत दे रही है.

रूस और यूक्रेन की बातचीत कहां पहुंची

रूस ने बुधवार को कहा है कि यूक्रेन के साथ चल रही बातचीत में यूक्रेन की न्यूट्रलिटी का मुद्दा सबसे प्रमुख हो गया है. प्रमुख रूसी वार्ताकार ने अलग से जानकारी दी है कि उनका देश चाहता है कि यूक्रेन स्वीडन या ऑस्ट्रिया जैसा दर्जा हासिल करे. पश्चिमी यूरोप के ये दोनों देश तटस्थ हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने न्यूट्रल बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.

शरणार्थियों में बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है
शरणार्थियों में बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा हैतस्वीर: Adria Salido Zarco/AA/picture alliance

दोनों देश इस मामले का कोई कूटनीतिक हल निकालने की कोशिश में हैं लेकिन इस बीच रूसी हमले लगातार जारी हैं. दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हुई है और आखिरी दौर मंगलवार देर शाम खत्म हुई. यूक्रेन ने रूस की बातों में "बुनियादी अंतर्विरोध" की ओर ऊंगली उठाई है. रूस यूक्रेन की न्यूट्रलिटी का मुद्दा प्रमुखता से उठा रहा है. रूसी बिजनेस चैनल आरबीके को दिए इंटरव्यू में रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने कहा है, "न्यूट्रल स्टेटस पर फिलहाल गंभीरता से चर्चा हो रही है, निश्चित रूप से इसके साथ सुरक्षा की गारंटी भी शामिल है. बातचीत में इस पर चर्चा हो रही है. मेरे विचार में बिल्कुल यही शब्द हैं और दोनों पक्ष सहमति पर पहुंचने के करीब हैं."

इससे पहले दोनों पक्षों ने नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद जताई थी और यहां तक कह दिया था कि सहमति करीब हैं जिन्हें कागज पर दर्ज करने और दस्तखत करने की तैयारी है.

मारियोपोल में बमबारी के बाद उठता धुआं
मारियोपोल में बमबारी के बाद उठता धुआंतस्वीर: Azov Battalion/AP/picture alliance

रूस के प्रमुख वार्तकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने पत्रकारों से बपुधवार को कहा कि बातचीत धीमी और मुश्किल है लेकिन रूसी राष्ट्रपति का दफ्तर क्रेमलिन "जितनी जल्दी हो सके" शांति चाहता है.

मेडिंस्की ने बताया कि प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हो रही है इसमें क्राइमिया प्रायद्वीप की स्थिति और रूस समर्थक अलगाववादियों के कब्जे वाले इलाके भी शामिल हैं.

30 लाख शरणार्थी

बुधवार को भी हजारों शरणार्थी सीमा पर कर पड़ोसी देशों में पहुंचे हैं. यहां इनके लिए भोजन और आवास के साथ ही बच्चों की पढ़ाई शुरू कराने की कोशिशें तेज हो गई हैं. युद्ध शुरु होने के तीन हफ्ते बाद शरणार्थियों के आने की रफ्तार कम हुई है हालांकि अब भी हजारों लोग रोज यूक्रेन से बाहर निकल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक 30 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन से बाहर निकल चुके हैं. पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया, हंगरी और मोल्दोवा के रास्ते निकल रहे लोगों को भोजन और आवास के साथ ही दूसरे देशों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. तकरीबन 20 लाख लोग अकेले पोलैंड में दाखिल हुए हैं. अधिकारियों उनके लिए राष्ट्रीय पहचान के नंबर जारी करने शुरू कर दिए हैं. ताकि उन्हें सामाजिक सेवाओं का लाभ और नौकरी ढूंढने में मदद मिल सके.

खारकीव में खाने पीने की चीज की दिक्कत से परेशान लोगों ने दुकान लूट लिया
खारकीव में खाने पीने की चीज की दिक्कत से परेशान लोगों ने दुकान लूट लियातस्वीर: Andrea Carrubba/AA/picture alliance

वारसॉ के प्राथमिक विद्यालय नंबर 318 में यूक्रेन के 21 बच्चों को दाखिला दिया गया है. पोलैंड के शिक्षा मंत्री ने बताया कि पोलिश स्कूलों में अब तक 54,000 यूक्रेनी बच्चों को दाखिल किया गया है. यूनीसेफ का कहना है कि कुल मिला कर 14 लाख बच्चे भागे हैं यानी औसतन हर दिन 73,000 बच्चे. चेक गणराज्य और दूसरे देश भी बच्चों को स्कूल में दाखिल कर रहे हैं.

दुनिया क्या कर रही है?

तीन यूरोपीय देशों के नेता कीव का दौरा करने के बाद बुधवार सुबह वापस आ गए. पोलैंड, चेक रिपब्लिक और स्लोवेनिया के नेताओं ने जोखिम उठा कर यूक्रेन की राजधानी तक जाने का साहस दिखाया और यूक्रेन को भरोसा दिलाया कि वो उसे अकेला नहीं छोड़ेंगे. यू्क्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात में उन्होंने यह भी कहा कि जीत उसी की होगी. उनकी यात्रा के दौरान भी कीव पर बमबारी चल रही थी.

यह भी पढ़ेंः भारत की नजर सस्ते रूसी तेल पर

जेलेंस्की बुधवार को यानी आज दोपहर बाद अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने यह भी बताया है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन को 80 करोड़ की सैन्य सहायता का एलान भी आज ही कर सकते हैं. इसमें एयर डिफेंस के उपकरण भी शामिल होंगे.

रूसी हमले में ध्वस्त खारकीव के एक स्कूल की इमारत
रूसी हमले में ध्वस्त खारकीव के एक स्कूल की इमारततस्वीर: Andrea Carrubba/AA/picture alliance

अमेरिकी राष्ट्रपति अगले हफ्ते यूक्रेन आने की भी योजना बना रहे हैं ताकि आमने सामने बैठ कर यू्क्रेन पर रूसी हमले के बारे में बातचीत की जा सके. इसके साथ ही वह ब्रसेल्स में नाटो के विशेष सम्मेलन में भी शामिल होंगे.

इस बीच दुनिया भर की सरकारें रूस को सजा देने के लिए रूसी कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा रही हैं. यूरोपीय संघ ने रूसी ओलिगार्क और चेल्सी एफसी के मालिक रोमान अब्रामोविच पर भी प्रतिबंध का एलान कर दिया है. इसके साथ ही रूसी ओलिगार्कों तक लग्जरी सामान पहुंचने से रोकने के लिए नए कदम उठाए हैं.

एनआर/आरपी (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)