रैली में लगे मुस्लिम-विरोधी नारे, बीजेपी नेता गिरफ्तार
१० अगस्त २०२१अश्विनी उपाध्याय दिल्ली बीजेपी की कार्यकारिणी के सदस्य हैं और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं. वो बीजेपी के प्रवक्ता भी रह चुके हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने आठ अगस्त को दिल्ली में जंतर मंतर के पास बिना पुलिस की अनुमति लिए एक रैली आयोजित की.
रैली में कई लोगों ने हिस्सा लिया और मुस्लिम-विरोधी साम्प्रदायिक नारे लगाए. दिल्ली पुलिस ने उपाध्याय के अलावा विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह और दीपक नाम के पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है.
मुस्लिम विरोधी नारे
रैली का आयोजन औपनिवेशिक काल से चले आ रहे कुछ कानूनों का विरोध करने के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन बाद में इसमें मुस्लिम विरोधी नारे लगने लगे. नौ अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 153-ए और 158 के तहत मामला दर्ज किया था.
153-ए के तहत "समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने" और 188 के तहत "सरकारी अधिकारी द्वारा जारी किए आदेश की अवहेलना" के लिए मामले दर्ज किए जाते हैं. इन लोगों के खिलाफ कोविड-19 संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन ना करने के लिए डीडीएमए अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया.
गिरफ्तार होने से पहले अश्विनी उपाध्याय ने इन नारों को लगाने वालों से खुद को अलग करते हुए बयान दिया था कि वो इन लोगों को नहीं जानते.
बीजेपी से संबंध
मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि आयोजन में साम्प्रदायिक नारे लगाने वालों में से एक का नाम उत्तम मलिक है. मलिक के अलावा पुलिस को और भी लोगों पर शक है. सोशल मीडिया पर इस रैली का समर्थन पूर्व टीवी अभिनेता और बीजेपी नेता गजेंद्र चौहान ने भी किया था. वो भी रैली में मौजूद थे.
कुछ ही दिनों पहले दिल्ली के द्वारका में हज यात्रियों की सुविधा के लिए हज भवन बनाने की दिल्ली सरकार की योजना के विरोध में एक प्रदर्शन आयोजित किया था. आयोजकों का कहना था कि इसके बनने से इलाके में "भाईचारा, सद्भाव, शांति और कानून व्यवस्था" भंग होंगे.
यह भी कहा गया था कि इससे "दंगे, हिन्दुओं का पलायन और शाहीन बाग, जाफराबाद और कश्मीर जैसी स्थिति दोबारा बन जाएगी." मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इस प्रदर्शन की दिल्ली पुलिस ने अनुमति दे दी थी. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे.