लाजवाब तस्वीरें
हाल ही में हैदराबाद वनडे में सचिन ने 175 रनों की यादगार पारी खेली थी. 1998 में शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ लगातार दो मैचों में उन्होंने 143 रन और 134 रनों की पारी खेल कर कोका कोला कप भारत के नाम किया था. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सचिन ने और भी शतक लगाए हैं.
माना जाता है कि ग्रेग चैपल चाहते थे कि सचिन मध्यक्रम में उतर कर बल्लेबाज़ी को मज़बूती दे सकते हैं जबकि सचिन ओपनिंग करने के इच्छुक थे.
1990 में पहली बार मिले थे सचिन और अंजलि. 1995 में दोनों की शादी हुई. अंजलि एक डॉक्टर हैं और सचिन से पांच साल बड़ी हैं.
तेंदुलकर और शूमाख़र बहुत अच्छे दोस्त हैं और जब इनकी मुलाक़ात हुई तो दोनों अपने-अपने क्षेत्र में एकछत्र राज कर रहे थे.
सचिन मैदान में जितने जोश और जुनून से खेलते हैं मैदान के बाहर उनकी छवि उससे ठीक अलग है. मृदुभाषी और सौम्य.
सचिन के गुरु रमाकांत अचरेकर ने उन्हें बल्लेबाज़ी के गुर सिखाए. शुरुआती दिनों में विकेट पर एक सिक्का रखकर गेंदबाज़ों को कहते थे कि सचिन को जो आउट करेगा वो सिक्का उसे मिलेगा. आउट न होने पर सिक्का सचिन को मिलता. तेंदुलकर ने ऐसे कई सिक्के इकठ्ठे किए.
बल्लेबाज़ी के साथ-साथ सचिन ने कई अहम मौक़ों पर गेंद थाम कर भारत को असंभव सी जीत दिलाई. 1993 में हीरो कप में आख़िरी ओवर में साउथ अफ़्रीका को 6 रन बनाने थे. अज़हर ने गेंद सचिन को थमाई और सचिन ने भारत को यादगार जीत दिलाई.
तेंदुलकर ने अपना पहला शतक 1990 में इंग्लैंड के ख़िलाफ बनाया था. और भारत की हार को टाल दिया था. टेस्ट में शतक लगाने वाले तेंदुलकर दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी थे.
तेंदुलकर के बारे में कहा जाता है कि वह आउट होने के बाद अंपायर के फ़ैसले का इंतज़ार नहीं करते और ख़ुद ही पैवेलियन की तरफ़ बढ़ जाते हैं. लेकिन यह भी उतना ही सच है कि सचिन उन दुर्भाग्यशाली बल्लेबाज़ों मे हैं जिनके आउट दिए जाने के फ़ैसले से ख़ूब विवाद हुआ है और दर्जनों बार टीवी रीप्ले से बात साबित हुई है कि सचिन दरअसल आउट नहीं थे.
तेंदुलकर वनडे में 45 शतक जड़ चुके हैं जबकि टेस्ट मैचों में उन्होंने 42 शतक बनाए हैं. बहुत कम बार ऐसा हुआ है जब सचिन ने शतक लगाया हो और टीम न जीत पाई हो.