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लादेन का घर देखने की होड़

४ मई २०११

एटबाबाद में करीब चार करोड़ से ज्यादा कीमत वाली वजीरिस्तान हवेली इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चित है. पत्रकारों से लेकर स्थानीय लोगों तक सब उसे देखने के लिए नजरें जमाए बैठे हैं.

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तस्वीर: AP

दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादी की मौत के एक दिन बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय पत्रकारों को वजीरिस्तान हवेली की 20 फुट ऊंची दीवार के पास जाने के मौका मिला. इसी हवेली में ओसामा बिन लादेन रह रहा था जहां अमेरिकी सेना की कार्रवाई के दौरान उसे मार डाला गया. अमेरिकी फौज की कार्रवाई में लादेन, उसका बेटा और कम से कम दो और लोग मारे गए.

सोमवार सुबह से ही एबटाबाद शहर से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद इस हवेली से पत्रकारों को दूर रखा गया था. हवेली के चारों और 20 फुट ऊंची दीवार बनी हुई है जिस पर कांटेदार तार भी लगे हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे शहर में इतना बड़ा परिसर और कोई नहीं. मंगलवार की दोपहर सेना ने परिसर को सील कर पुलिस के हवाले कर दिया. किसी को इमारत के अंदर नहीं घुसने दिया गया लेकिन पत्रकारों ने आस पास की इमारतों की छत से अंदर की कुछ तस्वीरें ली है.

NO FLASH Haus Osama Bin Laden
रहता कहां था लादेन...तस्वीर: dapd

बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी इमारत के आस पास आ जुटे. इन लोगों ठीक ठीक नहीं पता था कि सोमवार तड़के सुबह यहां क्या हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि फायरिंग, धमाके और चार हैलीकॉप्टरों की गरज सुन कर वह डर गए थे. एक युवा स्थानीय निवासी ने बताया, "जोरदार धमाके की आवाज सुनकर मेरी नींद खुल गई. इन धमाकों से हमारे घर की खिड़कियों को भी नुकसान पहुंचा है."

वजीरिस्तान हवेली का परिसर पूरी तरह से महफूज है और इतने धमाकों और फायरिंग के बावजूद इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. ऑपरेशन के दौरान एक हैलीकॉप्टर गिर गया उसके टुकड़े परिसर के बाहर खेतों में बिखरे पड़े थे. लादेन के घर के परिसर के बाहर बस एक छोटा सा मकान है, सामने की तरफ का ज्यादातर इलाका खुला हुआ है. स्थानीय लोगों ने बताया कि सामने की तरफ मौजूद एक छोटे से मकान में रहने वाले दो भाइयों को सुरक्षा बल अपने साथ ले गए हैं. इनके बारे में स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि दोनों भाई गरीब और शांति पसंद हैं. उनके खेतों में तैयार फसल को नुकसान पहुंच रहा है क्योंकि कोई और उसकी देखरेख करने वाला नहीं है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः आभा एम