"लिब्रहान रिपोर्ट ग़लतियों का पुलिंदा"
७ दिसम्बर २००९सोमवार को लिब्रहान जांच रिपोर्ट संसद में पेश की गई जिसमें बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए बीजेपी के कई नेताओं को ज़िम्मेदार बताया गया है. बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस रिपोर्ट को "ग़लतियों का पुलिंदा" बताया और कहा कि यह कुछ निश्चित पार्टी और नेताओं के "चरित्र हनन" की सोची समझी कोशिश है. उन्होंने कहा कि लिब्रहान आयोग ने रिपोर्ट तैयार करने में 17 साल लगाए लेकिन फिर भी वह सच तक नहीं पहुंच पाया जो दुखद है.
सदन में शोरशराबे के बीच बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि बाबरी मस्जिद का गिरना एक स्वतस्फूर्त घटना थी. यह पूर्व नियोजित नहीं था. उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को क्या हुआ, इसे समझने के लिए ऐतिहासिक तथ्यों के विश्लेषण की ज़रूरत है. उन्होंने रिपोर्ट के नतीजों को बिल्कुल "बक़वास" बताया. राजनाथ सिंह ने रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और एक के आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं के ख़िलाफ की गई टिप्पणियों पर भी तीखी आपत्ति जताई.
इससे पहले लोकसभा में लिब्रहान रिपोर्ट पर बहस की शुरुआत करते हुए सीपीएम के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि बाबरी मस्जिद को गिराने की योजना "सलीके से" तैयार की गई योजना थी और ऐसा होने से रोका जा सकता था.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़