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लीबिया में सैन्य कमांडर के समर्थन कौन भेज रहा है लड़ाके

११ दिसम्बर २०१९

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लीबिया में इस साल हुए संघर्ष में सूडान और चाड के कई हथियारबंद गुट शामिल थे.

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Libyen Symbolbild Regierungssoldat
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot

मंगलवार को पेश की गई इस रिपोर्ट में रूसी लड़ाकों का जिक्र नहीं है, जिसकी खबरें हाल ही में मीडिया में आई थीं. रूस ने उस रिपोर्ट को खारिज किया था जिसमें कहा गया था कि लीबिया में रूसी लड़ाके संघर्ष में शामिल हैं.

मीडिया में आ रही खबरों में बताया गया था कि सैकड़ों रूसी लड़ाके ताकतवर सैन्य कमांडर खलीफा हफ्तार के समर्थन में लड़ाई लड़ रहे हैं. इसी साल अप्रैल में राजधानी त्रिपोली पर कब्जा जमाने के इरादे से हफ्तार ने हमले तेज कर दिए थे, जो अभी लीबिया की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य सरकार गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) के नियंत्रण में है.

हफ्तार आरोप लगाते आए हैं कि मौजूदा शासन कट्टरपंथी इस्लामिक झुकाव रखता है. हफ्तार का दावा है कि वह लीबिया को इससे छुटकारा दिलाना चाहते हैं. लीबिया में साल 2011 में तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के मारे जाने के बाद से ही अशांति है. तेल संपन्न देश लीबिया में रूस और अमेरिका दोनों की ही दिलचस्पी है.

यूएन की रिपोर्ट में पांच सूडानी और चार चाड सशस्त्र समूहों का जिक्र है, रिपोर्ट कहती है कि इस लड़ाई में हजारों लड़ाकों की सप्लाई दोनों तरफ की गई है. नाम ना बताने की शर्त पर एक राजनयिक ने कहा, "यह जग जाहिर है कि बड़ी संख्या में रूसी लड़ाके लीबिया में लड़ाई लड़ रहे हैं."

राजनयिक ने बताया कि रिपोर्ट में रूसी लड़ाकों का जिक्र इसलिए नहीं है क्योंकि,"उनकी अधिकतर गतिविधियां रिपोर्ट संकलन करने की आखिरी तारीख के बाद हुई हैं. हालांकि हम इस बात से अवगत है कि पैनल रूसी गतिविधियों के सबूत इकट्ठा करने की प्रक्रिया में है. इस बारे में समिति को दोबारा आने वाले महीनों में अवगत करा दिया जाएगा."

समाचार एजेंसी एएफपी के संवाददाता ने रिपोर्ट का सारांश देखने के बाद कहा है कि  जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात ने नियमित तौर पर हफ्तार की सेना का समर्थन किया है दूसरी ओर तुर्की जीएनए का समर्थन करता आया है. मंगलवार को ही तुर्की के राष्ट्र्पति रेचेप तैयप एर्दोवान ने कहा कि वह लीबिया में जीएनए के समर्थन के लिए सैन्य बल भेजने को तैयार है.

यूएन रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका, रूस और चीन में बने युद्धक साजो सामान का इस्तेमाल लीबिया में हो रहा है लेकिन ऐसा नहीं लगता है कि यह साजो सामान सीधे इन देशों की तरफ से सप्लाई की गई होगी.

रिपोर्ट के मुताबिक, "संघर्ष में शामिल दोनों गुटों को हथियार और सैन्य उपकरण मिले हैं, तकनीकी सहायता और गैर लीबियाई लड़ाके हथियार से जुड़े प्रतिबंध के बावजूद लीबिया में मौजूद हैं."

एए/एनआर (एएफपी)

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