लोकतंत्र के मंदिर में क्रिकेट का भगवान
४ जून २०१२''मैं सचिन रमेश तेंदुलकर, जो राज्यसभा का सदस्य नियुक्त हुआ हूं, ईश्वर को स्मरण रखकर शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान में सच्ची श्रद्धा रखूंगा.'' यह शपथ लेकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भारतीय राज्य सभा के सदस्य मनोनीत हुए.
1989 से क्रिकेट खेल रहे सचिन तेंदुलकर पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जो संन्यास लेने से पहले ही राज्य सभा के सदस्य बने हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक जमाने वाले सचिन सोमवार सुबह सपरिवार राज्य सभा पहुंचे. मास्टर ब्लास्टर अगले छह साल तक 250 सदस्यों वाली राज्य सभा के सदस्य रहेंगे. इसे एक सम्मान करार देते हुए सचिन ने क्रिकेट का शुक्रिया अदा किया, "मैं मानता हूं कि क्रिकेट ने जीवन में मुझे बहुत सारी चीजें दी हैं."
राज्य सभा में उनकी क्या भूमिका होगी, महान बल्लेबाज ने इसके संकेत भी दिए, "मेरा हमेशा से एक सपना है कि आने वाले सालों में मैं क्रिकेट को कुछ वापस भी दूं. आज राज्य सभा का सदस्य मनोनीत होने पर मैं इस स्थिति में आ गया हूं कि मैं सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि देश के अन्य खेलों की भी मदद कर सकूं."
अपनी बल्लेबाजी से क्रिकेट के चेहरा बदल देने वाले सचिन चाहते हैं कि वह खेलों में भारत को चमका दें, "मैं मानता हूं कि इस रास्ते में बाधाएं होंगी, चुनौतियां होंगी. मुझे अपने साथी सांसदों की, मीडिया की और देशवासियों की मदद की जरूरत होगी. मैं उम्मीद करता हूं कि मुझे सभी खेलों में मदद के लिए याद किया जाएगा, सिर्फ मेरे क्रिकेट के आंकड़ों के लिए नहीं."
हालांकि इस दौरान सचिन ने यह भी साफ कर दिया कि फिलहाल उनकी प्राथमिकता क्रिकेट ही होगी. संन्यास की संभावना को एक बार फिर सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट से अपना ध्यान नहीं खींच सकता क्योंकि यह क्रिकेट ही है जो मेरा शुरुआती बिंदु है."
राज्यसभा के लिए सचिन का चुनाव अप्रैल में सीधे राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने किया. सचिन के साथ हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री रेखा और उद्योगपति अनु आगा को भी राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया.
हालांकि इस नामांकन की वजह से सचिन से कई लोग रूठ भी गए. प्रशंसकों और क्रिकेट जगत की कुछ हस्तियों ने कहा कि सचिन को भारतीय राजनीति में नहीं उलझना चाहिए. भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी अब भी कह रही है कि कांग्रेस पार्टी अपने फायदे के लिए सचिन के नाम का इस्तेमाल कर रही है.
ओएसजे/आईबी (पीटीआई, एपी)