लोकपाल के दायरे में पीएम को न लाएं: बाबा रामदेव
३१ मई २०११लोकपाल बिल के तैयार होने से पहले ही विधेयक के मसौदे पर बहस छिड़ गई है. भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मुहिम का समर्थन करने वाले रामदेव ने मध्य प्रदेश के सिहोर में यह बात कही. उनके मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद उच्च सम्मानित पद हैं. इन्हें लोकपाल बिल के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए."
अन्ना हजारे की मुहिम से जुड़े सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल बाबा रामदेव के बयान से हैरान हैं. उन्होंने कहा कि वह योग गुरु को मनाने की कोशिश करेंगे, "अगर प्रधानमंत्री ही भ्रष्ट हो जाएं तो इस बारे में कुछ नहीं किया जा सकता है." केजरीवाल के मुताबिक पीएम को लोकपाल के दायरे से बाहर करने पर प्रधानमंत्री के पद का दुरुपयोग हो सकता है.
काले धन और टैक्स चोरों के खिलाफ चार जून से बाबा रामदेव नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं. रामदेव का कहना है कि उनका सत्याग्रह किसी पार्टी या किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं. योग गुरु व्यवस्था के खिलाफ जंग लड़ने की बात कह रहे हैं, "सत्याग्रह तब तक चलेगा जब तक सरकार भ्रष्टाचार, काले धन और सरकारी तंत्र में व्यापक बदलाव करने की हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करती." रामदेव के मुताबिक इस मुद्दे पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और अन्य अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक दिशा में जा रही है.
बाबा रामदेव के सत्याग्रह के एलान को देखते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजनीतिक मामलों की संसदीय समिति की बैठक बुलाई. बैठक में काले धन पर चर्चा हुई. सरकार चाहती है कि बाबा रामदेव अपना सत्याग्रह टाल दें या रद्द कर दें. पिछले महीने दिल्ली के जंतर मंतर पर अन्ना हजारे की आमरण अनशन ने सरकार को मुश्किल में डाल दिया था, केंद्र को आशंका है कि बाबा रामदेव के सत्याग्रह से कहीं फिर वैसी ही स्थिति न पैदा हो जाए.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह्
संपादन: उभ