विकीलीक्स का साथ एप्पल ने भी छोड़ा
२३ दिसम्बर २०१०एप्पल ने अपने ऑनलाइन स्टोर से विकीलीक्स संबंधी एप्लीकेशन हटा दी है. इस एप्लीकेशन के जरिए ग्राहक आसानी से लीक हुए गोपनीय दस्तावेजों तक पहुंच सकते थे. वहीं ऑनलाइन मोबाइल एप्लीकेशन के बाजार की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी गूगल अब भी विकीलीक्स के साथ खड़ी है. गूगल ने अपने सॉफ्टवेयर मार्केट में विकीलीक्स तक आसानी से पहुंचाने वाली छह से ज्यादा एप्लीकेशन्स रखी हैं.
गूगल के मोबाइल सॉफ्टवेयर बाजार को एनरॉएड कहा जाता है. एनरॉएड के कई प्रोग्राम ऐसे हैं जो सीधे विकीलीक्स के खुलासे वाले कूटनीतिक दस्तावेजों तक ले जाते हैं. गूगल ने ऐसे प्रोगाम भी बाजार में पेश किए हैं जिन पर विकीलीक्स का नया खुलासा होते ही तुरंत एर्लट आ जाता है.
एप्पल ने हफ्ते भर पहले ही विकीलीक्स एप्लीकेशन अपने ऑनलाइन स्टोर में पेश की थी. इसे इगोर बारीनोव ने बनाया था और कीमत थी सिर्फ एक डॉलर 99 सेंट. वहीं एप्लीकेशन को हटाए जाने पर सफाई देते हुए एप्पल ने कहा है, ''विकीलीक्स एप्लीकेशन डेवलपेर्स गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रही थी, इसीलिए हमने उसे हटाया है.''
पिछले हफ्तों में एमेजॉन डॉट कॉम, मास्टर कार्ड, वीजा और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी कंपनियों ने विकीलीक्स से अपना नाता तोड़ा है. ऐसी कंपनियों पर विकीलीक्स के समर्थकों ने साइबर हमले भी किए हैं. माना जा रहा है कि अब हैकरों हमले झेलने की बारी एप्पल की है. यूएस साइबर कॉन्सिक्वेंसेज के चीफ टेक्नोलॉजी अफसर जॉन बमगार्नर कहते हैं, ''अब एप्पल के निशाना बनने की आशंकाएं हैं. जो कोई भी खुद को विकीलीक्स से दूर रखना चा रहा है वह निशाना बन रहा है.''
विकीलीक्स के एक समर्थक ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर लिखा है, ''अब एप्पल वाले सेंसरशिप पर उतर आए.'' इसके जवाब में एक दूसरे समर्थक ने लिखा है, ''इसीलिए मैं एप्पल का कोई सामान नहीं खरीदता, ये कंपनी ग्राहकों की परवाह किए बिना अपने मन की करती है.''
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार