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विकीलीक्स ने फिर सीआईए के दस्तावेज लीक किए

२६ अगस्त २०१०

विकीलीक्स की ओर से सीआईए दस्तावेजों का पर्दाफाश जारी है. बुधवार को उसकी वेबसाइट में फिर एक दस्तावेज प्रकाशित किया गया, जिसमें अल कायदा द्वारा अमेरिकियों की भर्ती की समस्या पर विचार किया गया है.

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तस्वीर: Spiegel

सीआईए के इस ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि जिस तरीके से अल कायदा अपनी पांतों में अमेरिकी रंगरुटों की भर्ती की कोशिश कर रहा है, उससे यह खतरा पैदा हो गया है कि अमेरिका को 'आतंकवाद का निर्यात करने वाले देश' के रूप में देखा जाने लगे.

पिछले महीने विकीलीक्स की ओर से अफगानिस्तान के युद्ध से संबंधित अमेरिकी सेना के सत्तर हजार से अधिक गुप्त दस्तावेजों का भंडाफोड़ किया गया था. वेबसाइट ने धमकी दी है कि वह और 15 हजार दस्तावेज प्रकाशित कर सकता है. पेंटागन की ओर से इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा गया था कि इससे अनेक लोगों की जान को खतरा पहुंचेगा. विकीलीक्स के प्रधान जुलियन असांजे के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी करते हुए दबाव डालने की कोशिश की गई थी. इस बीच यह वारंट वापस ले लिया गया है. स्वीडन ने उन पर लगाए गए बलात्कार के मामले भी रद्द कर दिए हैं.

Julian Assange Wikileaks
विकीलीक्स के संस्थापक जुलियन असांजेतस्वीर: picture alliance/dpa

अब प्रकाशित दस्तावेज सीआईए के तथाकथित रेड सेल की एक रिपोर्ट है. ऐसी रिपोर्टों में विभिन्न संभावनाओं पर विचार किया जाता है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों के लिए अमेरिकी सदस्यों का विशेष महत्व है, क्योंकि उनकी खोज अरब-मुस्लिम छवि वाले लोगों के मुकाबले कहीं कठिन है. वे कहीं आसानी से इंटरनेट या अन्य तरीकों से अपने नेताओं के साथ संपर्क बना सकते हैं. रिपोर्ट में ध्यान दिलाया गया है कि भारत, पाकिस्तान व अन्य देशों में हुए आतंकवादी षडयंत्रों में कई अमेरिकी नागरिक शामिल रहे हैं और आम धारणा के विपरीत अमेरिका से आतंकवाद का निर्यात कोई नई बात नहीं है.

सीआईए की ओर से इस प्रकाशन के महत्व को घटाकर दिखाने की कोशिश की जा रही है. सीआईए के प्रवक्ता जार्ज लिट्ल ने कहा कि रेड सेल की रिपोर्टें विश्लेषणात्मक होती हैं, उनमें संभावनाओं पर विचार करते हुए वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए जाते हैं. मुख्यधारा से उनका कोई लेना-देना नहीं है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ओ सिंह