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विकीलीक्स संस्थापक असांज रिहा होंगे

१६ दिसम्बर २०१०

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज की जमानत को लंदन की अदालत ने पक्का कर दिया. दो दिन पहले उन्हें जमानत मिली पर स्वीडन से प्रत्यर्पण के मामले की वजह से उन्हें छोड़ा नहीं गया.

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तस्वीर: AP

लंदन की हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को सही ठहराया, जिसके मुताबिक मंगलवार को असांज को जमानत दी गई, लेकिन इसके खिलाफ अपील की वजह से उन्हें रिहा नहीं किया गया.

ब्रिटेन के सरकारी वकीलों ने असांज को जमानत दिए जाने का विरोध किया था और इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी. इन वजहों से उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी. लेकिन हाई कोर्ट का कहना है कि दो लाख पाउंड के मुचलके पर उन्हें रिहा किए जाने में कोई परेशानी नहीं है. हालांकि अदालत ने उन पर कुछ और सख्त शर्तें लगा दी हैं.

NO FLASH Wikileaks Assange
तस्वीर: picture alliance/dpa

असांज पर स्वीडन में सेक्स अपराध के आरोपों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. इसके बाद इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया. असांज को फिर लंदन में समर्पण करना पड़ा, जहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

गुरुवार को जमानत को सही करार देते हुए हाई कोर्ट के जज डंकन ओसेले ने कहा, "उन्हें खुद को पाक साफ बताने का मौका मिलना चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं कर पाएंगे, तो हमेशा मामला लटका रहेगा."

गुरुवार को अदालत पहुंचे असांज ने दाहिने हाथ की दो अंगुलियां दिखा कर विजयी संकेत बनाया. अदालत परिसर के बाहर हजारों की संख्या में उनके समर्थक और प्रशंसक जमा दिखे. कोर्ट ने दो लाख पाउंड के मुचलके की बात कही है और असांज के समर्थकों का कहना है कि वे यह पैसा चुका देंगे.

Assange Festnahme 2010 London NO FLASH
तस्वीर: AP

विकीलीक्स के संस्थापक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक जूलियन असांज ने पिछले दिनों ढाई लाख अमेरिकी खुफिया केबल संदेशों को सार्वजनिक कर सनसनी फैला दी थी. इसमें कई उच्च पदस्थ नेताओं और राजनयिकों की बातचीत का ब्योरा था. अमेरिका ने इसे अपराध बताते हुए अमेरिकी सुरक्षा पर खतरा बताया है. असांज की गिरफ्तारी को इसी मामले से जोड़ कर देखा जा रहा है.

यह पक्का नहीं हो पाया है कि जमानत मिल जाने के बाद असांज जेल से बाहर कब आएंगे. कानून के जानकारों का मानना है कि अदालत में मुचलके की राशि जमा करने और कानूनी शर्तों को पूरा करने में समय लग सकता है और इस तरह असांज को एक रात और जेल में ही बितानी पड़ सकती है.

अदालत ने उनके सामने जो शर्तें रखी हैं, उसके मुताबिक उन्हें इंग्लैंड में ही रहना होगा और हर रोज हाथ में एक इलेक्ट्रॉनिक कड़ा पहनना होगा, ताकि उनके लोकेशन के बारे में जानकारी मिलती रहे. सरकारी वकीलों का कहना था कि असांज देश छोड़ कर भाग सकते हैं. लेकिन जज ने इस दलील को खारिज कर दिया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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