विजेंदर ने नहीं दिये नमूने
१२ मार्च २०१३सोमवार शाम पंजाब पुलिस ने विजेंदर सिंह से सवाल जवाब किये. करीब तीन घंटे तक चली पूछताछ के बाद पंजाब पुलिस ने विजेंदर से जांच के लिए खून और बालों के नमूने देने को कहा. मुक्केबाज ने इससे इनकार कर दिया. पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हरदयाल सिंह मान ने एक बयान जारी कर कहा "प्रक्रिया के तहत, दो निजी गवाहों की मौजूदगी में, उनसे (विजेंदर सिंह) फॉरेंसिक जांच के लिए खून और बालों के नमूने देने को कहा गया, उन्होंने इससे इनकार कर दिया." जांच से साफ हो सकेगा कि विजेंदर ने हेरोइन का नशा किया या नहीं.
ड्रग्स का यह मामला 130 करोड़ रुपये की हेरोइन की बरामदगी से खुला. बीते शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने फतेहगढ़ साहिब जिले में छापा मारकर 26 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी. घर कनाडा में बसे एनआरआई अनूप सिंह कोहलो का है. पुलिस कोहलो समेत रैकेट के कुछ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस के मुताबिक कोहलो ड्रग्स का अंतरराष्ट्रीय तस्कर है. ऐसी रिपोर्टें हैं कि कोहलो ने पुलिस से कहा कि मुक्केबाज विजेंदर सिंह और राम सिंह उनके ग्राहक हैं.
छापे के दौरान कोहलो के घर के बाहर विजेंदर सिंह की पत्नी के नाम पर रजिस्टर एसयूवी मिली. यहीं से जांच की सुई विजेंदर सिंह और उनके साथी राम सिंह की तरफ घूमी. विजेंदर ने पुलिस को बताया कि उन्होंने गाड़ी अपने दोस्त को दी थी. धीरे धीरे पुलिस विजेंदर के मुक्केबाज दोस्त राम सिंह तक पहुंची. पूछताछ में राम सिंह ने स्वीकार किया कि उन्होंने ड्रग्स खरीदी. राम सिंह के मुताबिक विजेंदर और उन्होंने फू़ड सप्लीमेंट के तौर पर हिरोइन का सेवन किया.
विजेंदर सिंह अब तक ड्रग्स लेने या तस्करी रैकेट से जुड़े होने से इनकार कर रहे हैं. विजेंदर का कहना है कि उन्होंने कभी ड्रग्स नहीं ली. माना जा रहा है कि विजेंदर और राम सिंह को अभी पूछताछ के कई और चरणों से गुजरना होगा.
विजेंदर सिंह हरियाणा पुलिस में डीएसपी भी हैं. लिहाजा मामले की जांच हरियाणा पुलिस भी कर रही है. पंजाब पुलिस के मुताबिक दोनों राज्यों की पुलिस एक दूसरे से सहयोग कर रही हैं.
27 साल के विजेंदर सिंह 2008 में अचानक सुर्खियों में आए. सबको हैरान करते हुए उन्होंने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता. हरियाणा के गांव भिवानी से अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान बनाने वाले विजेंदर 2008 के बाद हमेशा चकाचौंध में रहे. उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिले, अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली. हालांकि 2012 के लंदन ओलंपिक में वह पदक जीतने में नाकाम रहे.
ओएसजे/एएम (एपी, पीटीआई)