विज्ञान पढ़ाने पर जेल
२७ अप्रैल २०१६ये मामला तब सामने आया जब दक्षिणी बांग्लादेश के बागेरहाट जिले में हिजिला हाईस्कूल के छात्रों ने अपने विज्ञान शिक्षक पर 'इस्लाम' के अपमान के आरोप लगाए. छात्रों का आरोप था कि विज्ञान शिक्षक उन्हें कक्षा में 'स्वर्ग' के ना होने और 'कुरान का अल्लाह के मुंह से फूटे शब्द' ना होने की बात पढ़ाते हैं. 17 और 18 साल के इन छात्रों के अलावा स्थानीय इस्लामिक स्कूलों के लोग इस बात को लेकर तब और अधिक नाराज हो गए जब स्कूल के प्रधानाध्यापक ने अपने विज्ञान अध्यापक का समर्थन किया.
स्थानीय लोगों की एक भीड़ ने विज्ञान शिक्षक पर लाठियों से हमला किया जिससे बचने के लिए उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. इसके बाद पुलिस के हस्तक्षेप से उन्हें भीड़ से बचाया जा सका. असोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश अनवर परवेज का कहना था, 'हालात बेकाबू हो गए थे. भीड़ कानून को अपने हाथों में लेने के लिए उतारू थी.' न्यायाधीश का कहना था कि विज्ञान शिक्षक को धर्म का अपमान करने का आरोपी पाया गया है और दोनों ही शिक्षकों को 6 महीने की सजा सुनाई गई है. मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में ये शिक्षक अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से हैं.
पिछले दो सालों से बांग्लादेश में उदारवादी विचारों के ब्लॉगरों, धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय और एक्टिविस्टों पर चरमपंथी इस्लामिक गुटों की तरफ से लगातार जानलेवा हमले हो रहे हैं. सोमवार की रात को युवा चरमपंथियों के एक गुट ने ढाका में दो लोगों की जान ले ली थी. इनमें से एक व्यक्ति समलैंगिकों के अधिकारों पर काम करने वाली बांग्लादेश की पहली पत्रिका का संपादक था.
2015 में हुई 9 लोगों की हत्याओं के बाद इस साल भी अब तक ऐसी 5 हत्याएं हो गई हैं. अंतराष्ट्रीय समुदाय की ओर से बांग्लादेश सरकार पर इस तरह के वाकयों को रोकने का लगातार दबाव बना हुआ है, लेकिन लगातार हो रही हत्याओं में कमी आती नहीं दिख रही है.
आरजे/एमजे (एपी)