विमानों की टक्कर गंभीर, तीन लोगों पर कार्रवाई
२४ अक्टूबर २०१०मुंबई एयरपोर्ट में विमानों के पार्किंग एरिया में जेट एयरवेज और किंगफिशर एयरलाइन्स के विमानों के पंख टकरा गए. दोपहर करीब दो बजे के आसपान जेट एयरवेज की फ्लाइट उड़ान भरने के लिए पार्किंग एरिया से बाहर निकलने लगी, तभी बगल में खड़े किंगफिशर के विमान के हॉरिजॉन्टल स्टेब्लाइज़र से जेट फ्लाइट का दांया फ्लैप टकरा गया.
हॉरिजॉन्टल स्टेब्लाइजर विमान के पूंछ के पास लगे दो छोटे से पंखों के अगले हिस्से को कहा जाता है. यह उड़ान के दौरान विमान को स्थिर रखता है. फ्लाइट के दौरान विमान को ऊपर नीचे करने में इसकी अहम भूमिका होती है. दरअसल हवाई जहाजों के मामलें में हल्की सी टक्कर भी बेहद गंभीर साबित होती है. अब तक ऐसी कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनके लिए विमान की हल्की सी टक्करों को जिम्मेदार पाया गया है.
ऐसी टक्कर से हुआ नुकसान कई बार तकनीकी जांच में बारीकी से पता नहीं चल पाता है, लेकिन कुछ सालों बाद उड़ान के दौरान के अचानक कुछ हिस्से टूट सकते हैं. फिर क्या होता है, ये लोगों से छुपा नहीं है. ऐसी ही एक मामूली टक्कर के 22 साल बाद 25 मई 2002 को चाइना एयरलाइन्स का एक विमान भी क्रैश हुआ. हादसे में विमान में सवार सभी 225 लोग मारे गए. जांच में पता चला कि 1980 में लैंडिग के वक्त विमान की पूंछ हल्के से रनवे से टकरा गई थी. इंजीनियरों ने तुरंत उस हिस्से को रिपेयर भी कर दिया. लेकिन 25 मई 2002 को 35,000 फुट की ऊंचाई पर विमान का पिछला हिस्सा उखड़ गया. विमान 600 से ज्यादा टुकड़ों में बंटकर समंदर में समा गया.
यही वजह है कि डीजीसीए ने मुंबई एयरपोर्ट में हुई इस टक्कर को गंभीरता से लिया है. शुरुआती जांच में पता चला है कि टक्कर ग्राउंड टैक्निकल स्टाफ की गलती के चलते हुई. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसकी पुष्टि भी की है. एक जांच अधिकारी ने कहा कि विमान को पीछे करते समय जरूरी निर्देशों का पालन नहीं किया गया. उनके मुताबिक जमीन पर तैनात कर्मचारियों के बीच किसी तरह का तालमेल नहीं था. एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 से 77C अधिनियम के तहत इस टक्कर को गंभीर मानते हुए मामला दर्ज किया गया है. जांच अधिकारी ने कहा, ''जांच चल रही है, एक तकनीकी कर्मी को निलंबित कर दिया गया है. दो को ड्यूटी चार्ट से बाहर कर दिया गया है.''
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एमजी