शी जिनपिंग बने चीन के नए नेता
१५ नवम्बर २०१२एक हफ्ते के पार्टी सम्मेलन में कई बैठकों के बाद शी ने कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रमुख रहे हू जिंताओ की जगह ली. पार्टी प्रमुख का पद स्वीकार करने के बाद अपने भाषण में शी ने कहा, "पार्टी के पास कई बड़ी चुनौतियां हैं और ऐसी कई परेशानियां हैं पार्टी के भीतर जिन्हें सुलझाना होगा, खास तौर से भ्रष्टाचार, लोगों से अलग होना और नौकरशाही जिसे कुछ पार्टी अधिकारियों की वजह से बढ़ावा मिला है." शी ने कहा कि इन परेशानियों को सुलझाने के लिए हर तरह का प्रयास करना जरूरी है. पार्टी को "एकदम सजग" रहना होगा.
शी के पिता माओ त्से तुंग की सेना में लेफ्टनेंट थे और शी अगले साल मार्च में राष्ट्रपति पद संभालेंगे. पार्टी के लिए फैसले करने वाली सर्वोच्च ईकाई स्टियरिंग कमिटी में अब सात सदस्य होंगे. पहले इसमें नौ सदस्य रहा करते थे. शी अगले दस साल तक पार्टी अध्यक्ष रहेंगे. उनकी पार्टी का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था को निर्यात और निवेश के बजाय अब निजी व्यापार और ग्राहकों की मांग पर ध्यान देना होगा. शी ने चीन में आम लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि उनके देश के लोग बेहतर शिक्षा, स्थिर नौकरी, बेहतर रिहाइशी हालात, साफ पर्यावरण और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं चाहते हैं. "इन लोगों की एक अच्छे जीवन की ख्वाहिश को पूरा करना ही हमारा मकसद है."
शी के बाद उप प्रमुख के तौर पर ली केचियांग को चुना गया है जो अगले साल मार्च में प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे. चीन में प्रधानमंत्री देश में आर्थिक ढांचे को संभालता है. विश्लेषकों का कहना है कि शी, हू और ली रुढ़िवादी हैं लेकिन शी और ली का चुना जाना अलग अलग गुटों के बीच समझौता दर्शाता है. चीन में कम्यूनिस्ट पार्टी ने बैठक के आखिरी दिन केंद्रीय समिति के 200 नए सदस्यों को नियुक्त किया. स्टियरिंग कमिटी के सात सदस्यों को देश में घटते आर्थिक विकास को दोबारा पटरी पर लाना होगा और देश में भ्रष्टाचार को कम करना होगा.
चीन की सरकार देश में गरीबी को काफी हद तक हटाने में सफल रही है लेकिन उसके नेता अब मानने लगे हैं कि विकास का यह मॉडल टिकाऊ नहीं है.
एमजी/एनआर(एएफपी, रॉयटर्स)