शेयर बाजार में ट्विटर
७ नवम्बर २०१३कंपनी की तरफ से आए ट्वीट में कहा गया है कि न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कुल सात करोड़ शेयर पेश किए जा रहे हैं, इनके जरिए 1.82 अरब डॉलर जुटाए जाएंगे. इसके अलावा 30 दिन के भीतर अंडरराइटरों के खरीदने के लिए साझे स्टॉक से 1.05 करोड़ अतिरिक्त शेयर भी मौजूद रहेंगे. ट्विटर के आईपीओ में इसका बाजार मूल्य 14.4 अरब डॉलर बताया गया है. ट्विटर की सेवा मशहूर हस्तियों, पत्रकारों और राजनेताओं के साथ ही आम लोगों में भी लोकप्रिय है. ओवर एलॉटमेंट की नजर से देखें तो यह फेसबुक के बाद तकनीकी जगत का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ है.
उम्मीद की जा रही है कि 12.8 से 14.5 फीसदी शेयरों का सार्वजनिक रूप से कारोबार होगा. बाकी के शेयर इसके संस्थापकों और मुट्ठी भर शुरुआती निवेशकों के पास जाएंगे. ट्विटर ने लोकप्रियता की सीढ़ियां बहुत तेजी से चढ़ी हैं लेकिन उसे अपने निवेशकों को अपने कारोबारी मॉडल के बार में भी भरोसा दिलाना होगा. 2010 से अब तक कंपनी ने करीब 44 करोड़ डॉलर का नुकसान देखा है. हालांकि मौजूदा 23 करोड़ और लगातार बढ़ते यूजरों के साथ यह विज्ञापन से मुनाफा कमा सकता है जिसे ट्वीट और आंकड़ों के विश्लेषण के जरिए अंजाम दिया जाएगा.
रिसर्च फर्म ई मार्केटर का अनुमान है कि ट्विटर इस साल 58.28 करोड़ डॉलर का राजस्व विज्ञापन के जरिए हासिल कर लेगा जो 2014 में एक अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. आरबीसी कैपिटल मार्केट के मार्क महाने का कहना है, "गूगल, अमेजन और फेसबुक जिस तरह इंटरनेट सेवा बन गए हैं उसी तरह ट्विटर भी बन सकता है. बिना समय गंवाए सार्वजनिक, बातचीत और साझेदारी का प्लेटफॉर्म है इसके साथ ही यह कारोबारियों, ग्राहकों, मीडिया कंपनियों और विज्ञापन देने वालों के लिए एक जरूरी सेवा बनता जा रहा."
ब्रिटिश कंसल्टेंसी कंपनी ओवम से जुड़ी इडेन जोलर का कहना है, "निवेशक सोशल मीडिया और मोबाइल को अच्छा मानते हैं और इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि ट्विटर का आईपीओ इतनी दिलचस्पी जगा रहा है और ओवर सब्सक्राइब हो रहा है." इसके साथ ही जोलर ने यह भी कहा, "ट्विटर को जरूरत है कि वह उम्मीदों को पूरा करे, जिससे उसकी कीमत बढ़ रही है, और यह दिखाए कि टिकाऊ कारोबारी मॉडल बनने के लिए उसके पास क्या है."
ट्विटर की कमाई का ज्यादातर हिस्सा प्रोमोटेड ट्वीट के रूप में होने वाले विज्ञापन से आता है. हालांकि यह काम उसने सिर्फ तीन साल पहले शुरू किया है. जानकार कह रहे हैं कि यह मॉडल अभी पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त नहीं है. इसके अलावा कुछ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि कंपनी ने अपने मॉडल को अभी साबित नहीं किया है और सोशल मीडिया का चलन जरूरत से कहीं ज्यादा अनिश्चित है. ऐसे में उसकी बहुत ऊंची कीमत को उचित नहीं कहा जा सकता.
एनआर/एजेए (एएफपी)