सऊदी अरब ने ईरान पर हमले का दबाव बनाया
२९ नवम्बर २०१०विकीलीक्स ने 20 अप्रैल, 2008 का एक केबल संदेश जारी किया है, जिसे न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी वेबसाइट पर छापा है. यह गोपनीय संदेश रियाद में अमेरिकी दूतावास से वॉशिंगटन भेजा गया. इसमें बताया गया है कि किस तरह सऊदी अरब शिया बहुल ईरान की उभरती ताकत से डरा हुआ है और उसको लगता है कि इसका असर इराक पर पड़ सकता है.
अमेरिका ने कई बार कहा है कि ईरान के खिलाफ सैनिक कार्रवाई एक ऐसा विकल्प है, जिस पर वह विचार कर रहा है. लेकिन अमेरिकी सैन्य प्रमुखों का कहना है कि यह सिर्फ आखिरी उपाय हो सकता है क्योंकि इससे मध्य पूर्व में बड़ा संकट फैल सकता है.
2008 के इस केबल संदेश में उस वक्त मध्य पूर्व में अमेरिका के सैनिक कमांडर जनरल डेविड पैट्रियस, इराक में अमेरिकी दूत रयान क्रोकर और सऊदी अरब के शाह अब्दुल्लाह तथा उनके बेटों की बैठक का ब्योरा है. इसके मुताबिक अमेरिका में सऊदी दूत अदेल अल जुबैर ने बताया कि शाह चाहते हैं कि अमेरिका ईरान पर हमला करे ताकि इसके परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाई जा सके.
बताया जाता है कि जुबैर ने कहा, "उन्होंने कहा है कि सांप के सिर को काट डालो." हालांकि सऊदी अरब के विदेश मंत्री सऊद अल फैसल ने ईरान पर ज्यादा कड़े प्रतिबंध लगाने और यात्राओं तक पर पाबंदी लगाने की बात कही. उन्होंने बैंकिंग रिश्ते खत्म करने की भी बात की. हालांकि उन्होंने भी सैनिक कार्रवाई को दरकिनार नहीं किया.
द टाइम्स ने रिपोर्ट दी है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स समझते हैं कि ईरान पर किसी तरह की सैनिक कार्रवाई इसके परमाणु कार्यक्रम को एक से तीन साल पीछे धकेल सकता है.
ईरान से परेशान सऊदी अरब
दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में एक सऊदी अरब ईरान के परमाणु कार्यक्रम से बुरी तरह चिंतित बताया जाता है. पिछले महीने ही एलान किया है कि सऊदी अरब को 60 अरब डॉलर के रक्षा उपकरण बेचे जाएंगे.
ब्रिटेन के गार्डियन अखबार को भी विकीलीक्स के दस्तावेज मिले हैं. इसके अनुसार सऊदी अरब के अलावा दूसरे मुस्लिम देशों ने भी ईरान के खिलाफ कार्रवाई की वकालत की. बहरीन के मनामा से वॉशिंगटन भेजे गए एक और केबल संदेश में पैट्रियस और शाह हमद बिन ईसा अल खलीफा की मुलाकात का जिक्र है.
यह केबल संदेश चार नवंबर, 2009 का है. संदेश के मुताबिक बहरीन के शाह ने भी कहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को हर हाल में रोकना चाहिए. सऊदी अरब की तरह बहरीन भी सुन्नी मुस्लिम बहुल देश है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः एस गौड़