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सऊदी ने विदेशियों को समय दिया

३ जुलाई २०१३

सउदी अरब ने विदेशी कामगारों को वैध दर्जा हासिल करने के लिए और चार महीने का समय दे दिया है. वापस अपने मुल्क भेजे जाने की चिंता से परेशान हजारों कामगारों ने राहत की सांस ली है.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

इससे पहले तीन महीने की समय सीमा दी गई थी. यह सीमा खत्म होने के एक दिन पहले अरब सरकार ने इसे आगे बढ़ा दिया. यहां काम करने आए कामगार अगर वही काम नहीं कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें वीजा मिला है तो फिर उन्हें वापस भेज दिया जाएगा. कामगारों को अपने काम और निवास की अनुमति में समानता दिखाने के लिए इस साल 3 नवंबर तक का समय दिया गया है. इसी दिन इस्लामी कैलेंडर से साल खत्म हो रहा है. सऊदी की आधिकारिक मीडिया ने गृह मंत्रालय के हवाले से यह खबर दी है.

दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश की एक तिहाई आबादी विदेशी है. यहां कई दशकों से अधिकारियों ने वीजा में गड़बड़ियों की ओर से आंखें मूंद रखी है ताकि कंपनियों को सस्ते विदेशी मजदूर मिलते रहें. अधिकारियों की इस रणनीति ने देश में कामगारों का एक काला बाजार खड़ा कर दिया. अब सरकार का कहना है कि इस बाजार के कारण सऊदी लोगों को नौकरी मिलने में दिक्कत हो रही है. यहां बेरोजगारी की आधिकारिक दर 12 फीसदी है और अर्थशास्त्री मान रहे हैं कि इससे अक्षमता को बढ़ावा मिलेगा. इन कामगारों के जरिए उनके देशों में भेजी जाने वाली रकम यमन, पाकिस्तान, भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देशों के लिए कमाई का एक बड़ा जरिया है. इसी साल की शुरुआत में सऊदी सरकार ने वीजा के नियमों को तोड़ने वाले बहुत से विदेशी कामगारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. उन्होंने सड़कों पर और कंपनियों के दफ्तरों में अचानक छापा मार कर कर्मचारियों के वीजा और उनके काम की पड़ताल शुरू कर दी.

Saudi-Arabien Gastarbeiter werden ausgewiesen
तस्वीर: AFP/Getty Images

सरकार की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया. हजारों कामगारों को या तो जबरन उनके देश भेज दिया गया या फिर उन्होंने खुद ही देश छोड़ने का फैसला कर लिया. कामगारों के जाने से जब आर्थिक नुकसान की चिंता सताने लगी तब सरकार ने छूट देनी शुरू की. कामगारों को नौकरी बदलने या तय समय से ज्यादा वक्त देश में रहने जैसे वीजा नियमों को तोड़ने के लिए जुर्माना माफ कर दिया गया. हालांकि नौकरशाही की लेटलतीफी के कारण बहुत से कामगार अपने कागजात दुरूस्त नहीं करा पाए हैं.

कड़ी कार्रवाई

सरकार की कार्रवाई के पीछे मकसद श्रम सुधारों को अमल में लाना है, जिसे पिछले साल लागू किया गया. इन सुधारों में सऊदी और विदेशी कामगारों का कोटा तय किया गया है. इसके साथ ही कुछ नौकरियां खास तौर से स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित की गई हैं. कंपनियां कोटा से निबटने के लिए ऐसे कामगारों को काम पर रख लेती हैं जिन्हें दूसरी कंपनियों ने आधिकारिक तौर पर स्पांसर किया है.

एनआर/एजेए (एजेंसियां)