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सचिन का मंत्र: दबाव को लगाओ गले

२८ जुलाई २०१२

सचिन तेंदुलकर की ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे खिलाड़ियों को यह सलाह है कि वे दबाव के आगे ना झुकें, बल्कि उसे गले लगाएं. सचिन ने कहा है कि नतीजे नहीं, मेहनत जरूरी है.

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तस्वीर: Reuters

खुद देश की उम्मीदों के दबाव को समझने वाले सचिन का कहना है कि पेशेवर खिलाड़ियों को इसकी आदत डाल लेनी चाहिए और खुद पर इसका कोई असर नहीं होने देना चाहिए. अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा, "इसमें कोई शक नहीं है कि दबाव हमेशा आपका साथी रहेगा. अगर आप उस से लड़ेंगे तो आप ही के लिए मुश्किलें बढेंगी. आपको बस अपने शरीर और मन को समझना है और दबाव को गले लगा लेना है." सचिन मानते हैं कि यह कहना आसान है और करना मुश्किल, "लेकिन मुझे लगता है कि एक बार मैदान में कदम रखने के बाद वे तनाव को भूल जाएंगे. वे केवल अच्छे प्रदर्शन पर ही ध्यान देंगे."

अब तक ओलंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन खास नहीं रहा है. इस साल भारत ने ओलंपिक खेलों में खिलाड़ियों का अब तक का सबसे बड़ा जत्था लंदन भेजा है. इस से भारत की उम्मीदें भी बढ़ गयी हैं. इस से पहले बीजिंग ओलंपिक खेलों में भारत केवल तीन ही पदक जीत पाया था. अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीता तो पहलवानी में सुशील कुमार और विजेंद्र सिंह ने कांस्य पदक जीते.

Eröffnungsfeier Olympiade London 2012
तस्वीर: dapd

जब तेंदुलकर से पूछा गया कि लंदन में भारत कितने पदक जीतने में कामयाब हो पाएगा तो वह इसका जवाब टाल गए, "मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं जो ऐसे लक्ष्य रखे. वहां पूरी दुनिया जीतने के लिए ही गयी है, लेकिन विजेता तो एक ही होगा. यह आसान नहीं है. लेकिन हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो जीत कर लौटेंगे."

सचिन ने सलाह दी है कि खिलाड़ी नतीजों की परवाह ना करें और बेहतरीन प्रदर्शन करने के बारे में सोचें, "मैं हमारे सारे खिलाड़ियों को यह बताना चाहता हूं कि हम सब उनके साथ हैं. चाहे आप सफल रहे या नहीं, हम पर आपकी मेहनत असर करेगी और उसके लिए आप सब हमेशा हमारे नायक बने रहेंगे. जब तक हमारे दिल से यह आवाज आएगी कि आपने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया, हमें आप पर नाज रहेगा."

आईबी/एनआर (एएफपी)

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