सट्टेबाजों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग
२९ मई २०१३मंगलवार से खेल मंत्रियों की 5वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है जिसमें खेल के नियमों के अलावा भ्रष्टाचार और हेराफेरी पर भी चर्चा हो रही है. बैठक में दुनिया भर में सक्रिय सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस अधिकारियों के अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर फैसला लिए जाने की संभावना है. परंपरागत रूप से खेल संगठन अपनी स्वायत्तता पर जोर देते हैं और हर बात का फैसला अपने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के जरिए खुद करना चाहते हैं. लेकिन सरकारें और उनकी संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाएं भी फैसलों में हिस्सेदारी चाहती हैं.
फुटबॉल में मैच फिक्सिंग के विश्वव्यापी माफिया के खिलाफ कार्रवाई के कारण मशहूर हुए जर्मनी के जांचकर्ता फ्रीडबेल्म अल्टहंस ने जर्मन कानून को सख्त बनाने की मांग की है. उन्होंने खेलमंत्रियों की अंतरराष्ट्रीय बैठक से पहले कहा, "मैं कानून में संशोधन की वकालत कर रहा हूं, हमें जर्मन अपराध संहिता में खेल में धोखाधड़ी पर नए पैरेग्राफ की जरूरत है."
अल्टहंस जर्मन शहर बोखुम के पुलिस विभाग में डिटेक्टिव चीफ सुप्रिंटेंडेंट हैं और संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिम्मेदार हैं. 2009 से वे एक विशेष जांच दल की अगुआई कर रहे हैं जिसका जर्मन फुटबॉल में सट्टेबाजी की जांच करना है. अल्टहंस इस बात को गंभीर गलती मानते हैं कि अब तक खेल में भ्रष्टाचार को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया है. वे कहते हैं, "यदि जर्मन अपराध संहिता में ऐसी धारा होती तो इससे भ्रष्ट खिलाड़ियों, रेफरी और ट्रेनर के खिलाफ सबूत इकट्ठा करना आसान हो जाता."
अल्टहंस को उम्मीद है कि बर्लिन में हो रहे खेल मंत्रियों के सम्मेलन में खेल में भ्रष्टाचार को मिटाने के कदमों पर विचार होगा. उनका मानना है कि मैच फिक्सिंग जैसे अपराधों में अंतरराष्ट्रीय माफिया भी शामिल है. वे कहते हैं कि खेल में हेरा फेरी करवाने वाले सिंगापुर के गिरोह के अलावा चीन और रूस में भी उतने ही प्रभावशाली गिरोह हैं. "इस बात के ठोस संकेत हैं कि इन देशों के गिरोहों का मैच फिक्सिंग करने वालों पर सिंगापुर के गिरोह से ज्यादा असर है."
यूनेस्को के खेल मंत्रियों के सम्मेलन में 195 देशों के खेल मंत्रियों समेत 500 अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. जर्मनी के गृह मंत्रालय ने सम्मेलन के आयोजन को अपने लिए सम्मान बताया है. जर्मन सरकार इसे इतना महत्व दे रही है कि चांसलर अंगेला मैर्केल भी इसे संबोधित कर रही हैं. यह सम्मेलन पहली बार 1976 में पेरिस में आयोजित किया गया था.
एमजे/एएम (डीपीए, एसआईडी)