सांसदों शांति, तनख्वाह जरूर बढ़ेगी: शरद यादव
२१ अगस्त २०१०सदन की बैठक में शरद यादव ने कहा, ''सांसदों की तनख्वाह बढ़ाने का मामला सुलझा लिया गया है. अब नियमों के अनुसार सदन की कार्यवाही चलेगी.'' तनख्वाह बढ़ाने के मुद्दे पर बीते दो दिनों में संसद में खूब हंगामा हो चुका है.
तनख्वाह को लेकर आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, कई बार यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके सपा सांसद मुलायम सिंह यादव और बीजेपी के उपाध्यक्ष गोपीनाथ मुंडे सरकार पर बरस चुके हैं.
इन सांसदों की मांग है कि उनकी तनख्वाह कम से कम 80 हजार रुपये की जाए जबकि सरकार उनकी तनख्वाह 16 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये महीना कर चुकी है. अपने संसदीय क्षेत्र के लिए उन्हें 20 हजार रुपये महीने का भत्ता भी मिलता है. अब यह रकम भी दोगुनी होने जा रही है. संसद सत्र में जाने के लिए एक हजार रुपये प्रतिदिन का भत्ता मिलता है.
वैसे अब तक सांसदों को साल में 34 मुफ्त हवाई यात्राएं करने की छूट है. रेल और सरकारी बसों का पास हमेशा उनके पास रहता है. मान्यवरों को मुफ्त आवास और अथाह फ्री टेलीफोन की सुविधाएं भी मिलती हैं. लेकिन नेता केंद्र सरकार के सचिव स्तर के अधिकारियों की तनख्वाह पर नजरें गड़ाए बैठे हैं. सचिव रैंक के अधिकारी को 80 हजार रुपये सैलरी मिलती है. नेताओं को इससे तकलीफ है.
वहीं तनख्वाह बढा़ने का विरोध कर रहीं वामपंथी पार्टियों का कहना है कि देश महंगाई से जूझ रहा है. गरीबों की हालत खस्ता हो रही है और नेता हैं कि पैसा मांगे जा रहे हैं. वैसे कुछ ही महीने पहले भारत सरकार की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें माना गया था कि देश में गरीबी बढ़ी है. यही वजह है कि शायद तनख्वाह, भत्ते और ताकत के साथ चलने वाले सांसद भी अब खुद को गरीब मानने लगे हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार