सामूहिक क्रबिस्तान खोदता न्यूयॉर्क शहर
१० अप्रैल २०२०अमेरिका में कोरोना वायरस से पहली मौत 28 फरवरी को दर्ज की गई. वह भी सिएटल के पास,न्यूयॉर्क शहर से 4,645 किलोमीटर दूर. तब यही कहा जा रहा था कि घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने इटली जैसे कोरोना प्रभावित इलाकों में ना जाने की चेतावनी जारी की. साथ ही ईरान से आने वाले लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया.यह वह दौर था,जब अमेरिका के ईस्ट कोस्ट पर स्थित न्यूयॉर्क शहर को सुरक्षित माना जा रहा था. लेकिन अगले 10 दिनों में खरपतवार की तरह धीरे धीरे अमेरिका के पूर्वी इलाकों और खासतौर पर न्यूयॉर्क प्रांत में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे.
यूरोप से छह घंटे की उड़ान भरकर अटलांटिक महासागर पार करते ही न्यूयॉर्क आता है. सामान्य परिस्थितियों में यूरोप और न्यूयॉर्क के बीच हर दिन हजारों फ्लाइटें ऑपरेट होती थीं. तभी पता चला कि यूरोप से ही बड़ी संख्या में कोरोना वायरस भी अमेरिका पहुंचा. इसके बाद तो पटाखे जैसे हालात हो गए. पहले कुछ देर तक सुतली सुलगती रही और फिर विस्फोट हो गया.
न्यूयॉर्क प्रांत में अब तक कोरोना वायरस के 1,59,937 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. यह संख्या स्पेन के 1,53,000 और इटली के 1,43,000 से भी आगे निकल चुकी है. पूरे अमेरिका में भी हालात बदतर होते जा रहे हैं. देश में अब तक कोविड-19 इंफेक्शन के 4,66,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. 16,600 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. अकेले न्यूयॉर्क प्रांत में मृतकों की संख्या 5,000 से आगे बढ़ती जा रही है. न्यूयॉर्क शहर में बड़े स्तर पर गहरी सामूहिक कब्रें भी खोदी जा रही हैं.
ड्रोन कैमरों से लिए गए वीडियो दिखा रहे हैं कि सीढ़ियां लगाकर सामूहिक कब्रों में ताबूत उतारे जा रहे हैं. जिन कब्रिस्तानों में पहले हफ्ते में एक दिन ही दफनाने के लिए तय था, वहां अब हफ्ते में पांच दिन यह सर्विस दी जा रही है. आम तौर पर यहां उन शवों को दफनाया जा रहा है कि जिनका कोई वारिस नहीं. शहर प्रशासन के मुताबिक महामारी से पहले ये काम जेल में बंद कैदियों से करवाया जाता था. लेकिन अब काम इतना बढ़ चुका है कि ठेकेदार इसे करने लगे हैं.
एल्महर्स्ट, ईस्ट एल्महर्स्ट और जैक्सन हाईट्स जैसे इलाकों को न्यूयॉर्क के कोरोना संक्रमण का केंद्र बताया जा रहा है. अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इन तीनों इलाकों में छह लाख लोग रहते हैं और वहां कोरोना वायरस के 7,260 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
न्यूयॉर्क शहर में कोरोना वायरस से मरने वालों में 34 फीसदी दक्षिण अमेरिकी मूल के लोग हैं. ये लोग ज्यादातर ऐसे इलाकों में रहते थे जहां किराया तुलनात्मक रूप से सस्ता है. लेकिन ऐसे इलाकों के आस पास भारत, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन और फिलीपींस से आए आप्रवासी बड़ी संख्या में रहते हैं.
एल्महर्स्ट हॉस्पिटल सेंटर वायरस का तूफान सबसे पहले झेलने वाले अस्पतालों में से एक है. रिपोर्टों के मुताबिक वहां कोरोना वायरस के दर्जनों ऐसे मरीज हैं, जो बेड मिलने का इंतजार कर रहे हैं. कई तो अंग्रेजी भाषा में ठीक से बात भी नहीं कर पाते हैं.
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