सीबीआई ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के खिलाफ मामला दर्ज किया
२२ जनवरी २०२१केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "एजेंसी ने 19 जनवरी को आईटी एक्ट के तहत अलेक्जेंडर निक्स के प्रतिनिधित्व वाली कैम्ब्रिज एनालिटिका और एलेक्जेंडर कोगन के प्रतिनिधित्व वाली ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
केंद्र सरकार की सिफारिश पर जुलाई 2018 में सीबीआई द्वारा प्रारंभिक जांच शुरू किए जाने के बाद मामला दर्ज किया गया था. केंद्रीय कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा को बताया था कि जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिक जांच दर्ज करवाई है.
ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड (जीएसआर) के माध्यम से कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक उपयोगकर्ताओं और उनके दोस्तों के व्यक्तिगत डाटा की कथित अवैध हार्वेस्टिंग के संबंध में कई मीडिया रिपोर्टों के बाद प्राथमिक जांच दर्ज की गई है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कथित उल्लंघन के लिए फेसबुक और कैम्ब्रिज एनालिटिका से विवरण मांगा था. सीबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भारतीयों के कथित डाटा हार्वेस्टिंग के सिलसिले में कैम्ब्रिज एनालिटिका और फेसबुक द्वारा साझा किए गए विवरणों की जांच की थी.
फेसबुक ने बताया कि संभावित रूप से 5.62 लाख भारतीय उपयोगकर्ताओं के डाटा को अवैध रूप से हार्वेस्ट किया गया होगा, जबकि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को जवाब नहीं दिया है. प्राथमिकी से पता चला है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने एक ऐप बनाया. सीबीआई ने आरोप लगाया, "फेसबुक के लिए प्लेटफॉर्म नीति के अनुसार, ऐप को शैक्षणिक और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए उपयोगकर्ताओं के कुछ विशिष्ट डाटा एकत्र करने के लिए अधिकृत किया गया था. एप्लिकेशन ने हालांकि उपयोगकर्ता के अतिरिक्त अनधिकृत डाटा के साथ-साथ फेसबुक पर यूजर के दोस्तों के भी डाटा को एकत्र किया."
जांच से खुलासा हुआ है कि डाटा को उपयोगकर्ताओं की जानकारी और सहमति के बिना एकत्र किया गया था. सीबीआई ने कहा कि फेसबुक ने एजेंसी को सूचित किया कि भारत में 335 उपयोगकर्ताओं ने इस एप्लिकेशन को इंस्टाल किया था. उन्होंने अनुमान लगाया है कि लगभग 5.62 लाख अतिरिक्त उपयोगकर्ताओं के डाटा को इन 335 उपयोगकर्ताओं की मदद से एकत्र किया गया, जो इन यूजर के फ्रेंड नेटवर्क में आते थे.
सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा 335 एप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं से संपर्क किया गया, जिनमें से छह ने जवाब दिया. सीबीआई ने कहा, "उन्होंने सर्वसम्मति से कहा कि एप्लिकेशन से गुमराह किया गया और वे इस तथ्य से अनजान थे कि उनके दोस्तों के डाटा को हार्वेस्ट किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे ऐसा जानते तो ऐप को इंस्टॉल नहीं करते."
आईएएनएस
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