सीरिया पर जर्मन सरकार और विपक्ष विभाजित
१४ अप्रैल २०१८जर्मन चांसलर अंगेला मैर्कल ने शनिवार को एक दिन पहले अमेरिकी नेतृत्व में हुए हवाई हमले के प्रति समर्थन जताया है. चांसलर मैर्केल ने इसे सीरियाई सरकार के भविष्य में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की क्षमता को रोकने और उस पर अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए "जरूरी और वाजिब" उपाय बताया है.
अंगेला मैर्केल ने कहा, "हम इस सच्चाई का समर्थन करते हैं कि अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रेंच सहयोगियों ने संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्य होने की जिम्मेदारी को इस तरह से निभाया है." मैर्केल का बयान सरकार के प्रवक्ता स्टेफान जाइबर्ट ने शेयर किया है.
मैर्केल के बयान में गुरुवार को दिए उनके पिछले बयान की प्रतिध्वनि सुनाई दे रही है जिसमें उन्होंने कहा कि जर्मनी सैन्य कार्रवाई में हिस्सा नहीं लेगा लेकिन सहयोगियों का समर्थन करेगा. शनिवार को उन्होंने कहा, "जर्मनी निर्णायक रूप से उन सभी कूटनीतिक कदमों का समर्थन करेगा" जिनका मकसद रासायनिक हथियारों के खिलाफ समझौते को कमजोर होने से रोकना है.
सत्ताधारी दल सीडीयू की नेता मैर्कल ने सीरिया के राष्ट्रपति असद के सहयोगी रूस की भी एक बार फिर सीधे आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में उसके स्थायी सदस्य होने के कारण घटनाओं की निष्पक्ष जांच को "अनगिनत बार" रोका गया. सीरिया और रूस ने जहां रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को निराधार बताया है वहीं मैर्कल ने कहा कि अब तक के सारे सबूत इस ओर संकेत कर रहे हैं कि डूमा में आम नागरिकों पर कथित हमलों की जिम्मेदारी असद सरकार पर है, जिसमें 40 से ज्यादा लोग मारे गए.
चांसलर के साथ एसपीडी
जर्मन सरकार में शामिल सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी एसपीडी के नेताओं ने भी चांसलर के सुर में सुर मिलाते हुए हमलों का समर्थन किया है. एसपीडी नेता और जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने हवाई हमलों को असद सरकार के खिलाफ उचित कार्रवाई बताया है. हाइको मास ने असद पर नागरिकों के खिलाफ बार बार रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाया.
मास ने ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वीपंस, ओपीसीडब्ल्यू से "रासायनिक हथियारों के संदिग्ध इस्तेमाल की एक पूरी और स्वतंत्र जांच करने" की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीरिया के संकट का "विस्तार, तीव्रता और दायरा निश्चित रूप से दिखाता है कि केवल राजनीतिक विकल्प से ही स्थायी शांति आएगी."
जर्मनी के दूसरे राजनीतिक दलों की राय
जर्मनी के विपक्षी दलों ने हवाई हमलों का पर आलोचनात्मक रवैया दिखाया है जो साफ तौर पर सत्ताधारी सीडीयू/सीएसयू और एसपीडी के रवैये से अलग है. ग्रीन पार्टी ने हमलों का विरोध किया है. पार्टी की सहअध्यक्ष चेयरपर्सन अन्नालेना बेयरबॉक का कहना है, "सीरियाई सरकार और उसके सहयोगियों की भयावह क्रूरता" को देखने के बाद भी सैन्य गतिविधियों को और बढ़ाना गलती होगी.
बेयरबॉक ने ट्वीट कर यह भी कहा, "प्रतिशोध कभी भी लक्ष्य नहीं होना चाहिए. जिंदगियों को बचाना और शांति बहाल करना, निश्चित रूप से लक्ष्य होना चाहिए."
उन्होंने चांसलर मैर्केल से संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक बुलाने के लिए अनुरोध करने की भी मांग की. रूस पहले ही कह चुका है कि वह सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग करेगा. बेयरबॉक ने यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों की आयुक्त फेडेरिका मोगेरिनी से भी सीरिया के साथ यूरोपीय संघ के देशों की एक स्पष्ट रणनीति बनाने की अपील की है.
जर्मनी की वामपंथी पार्टी डी लिंके की प्रमुख सारा वागेनक्नेष्ट ने भी सीरिया पर हवाई हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का एक और सैन्य उल्लंघन करार दिया है. रूस की तरह ही उन्होंने ओपीसीडब्ल्यू के निरीक्षकों की जांच के नतीजे आने से पहले संयुक्त कार्रवाई की आलोचना की है.
जर्मन संसद में प्रमुख वामपंथी प्रतिनिधि डीटमार बार्च ने इसके साथ यह भी जोड़ा है कि जर्मन सरकार ने इन हमलों का समर्थन कर खुद को दोषी बना लिया है. फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी ने भी मैर्केल सरकार की आलोचना की है हालांकि उनका विरोध दूसरी वजह से है. पार्टी के विदेश नीति विशेषज्ञ अलेक्जांडर ग्राफ लाम्ब्सडॉर्फ का कहना है कि जर्मन सैन्य कार्रवाी नकारने का यह सही वक्त नहीं है क्योंकि जर्मनी के सहयोगी मदद मांग सकते हैं.
शनिवार को जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी ने भी कई सारे ट्वीट कर हमलों का समर्थन करने और सीरिया पर जर्मन सरकार की नीति के लिए चांसलर की आलोचना की. पार्टी के नेता अलेक्जांडर गाउलांड ने डीडब्ल्यू से कहा, "अब तक डूमा पर रासायनिक हमले का कोई ठोस सबूत नहीं है. ऐसे में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का हमला समय से पहले हुआ है. सिर्फ तब जब यह तय हो जाए कि वो जहरीली गैस थी और असद उसके लिए जिम्मेदार थे तभी इस तरह के हमलों का विचार किया जाना चाहिए."
एनआर/एमजे (डीपीए, एपी, एफपी)