"सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब दें मनमोहन"
१७ नवम्बर २०१०बिहार में विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर के लिए प्रचार में जुटे आडवाणी ने पटना में कहा, "राजा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है प्रधानमंत्री को तुरंत उसका जवाब देना चाहिए. हम इस मामले में जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग कर रहे हैं और सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए."
मंगलवार को जस्टिस जीएस सिंघवी और एके गांगुली की बेंच ने पूछा, "क्या फैसला लेने वाला अधिकारी शिकायत को इस तरह दबा कर बैठ सकता है." इस मामले में फैसला प्रधानमंत्री को लेना था. अदालत ने यह बात जनता पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कानून मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सु्नवाई के दौरान कही जिन्होंने राजा पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी.
आडवाणी ने कहा, "देश से भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि अपने 60 साल के संसदीय जीवन में मैंने कभी सुप्रीम कोर्ट को इस तरह के सवाल उठाते देखा हो." राजा के मुद्दे पर सरकार की तरफ से पेश सॉलीसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम से अदालत ने कहा, "अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय तीन महीने का वक्त निष्पक्ष सरकार और सुशासन के लिए पर्याप्त है, लेकिन अब तो 16 महीने से ज्यादा बीत गए. अनुमति देने वाला यह कह सकता है कि मैं अनुमति नहीं देना चाहता. कथित नकारपन और चुप्पी परेशान करने वाली है."
आडवाणी ने संसद के पिछले दो सत्रों में कहा, "महंगाई और मुद्रास्फीति मुख्य मुद्दे हैं. विपक्ष ने जिस तरह इन्हें उठाया है, उसे देखते हुए सरकार को इस पर बहस कराने के लिए मजबूर होना पड़ा." उन्होंने कहा कि अब तीन घोटाले सामने आने के बाद भ्रष्टाचार का मुद्दा अहम हो गया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ए कुमार
संपादन: महेश झा