सुरक्षा परिषद के सुधारों को आगे बढ़ाएगा जर्मनी
१ जनवरी २०११शनिवार से जर्मनी सुरक्षा परिषद का नया अस्थायी सदस्य बन गया है. उसके अलावा इस साल से दो साल के लिए सदस्य बनने वाले देशों में भारत, दक्षिण अफ्रीका, पुर्तगाल और कोलंबिया भी हैं. ब्राजील, बोजनिया हैर्त्सेगोवीना, गाबुन, नाइजीरिया और लेबनान 2010 से ही सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं और 2011 के अंत तक संस्था में रहेंगे.
इस समय के सुरक्षा परिषद में भारत और जर्मनी के अलावा ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ऐसे देश हैं जो सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के प्रबल दावेदार हैं. भारत और जर्मनी ने सुधारों को अपनी प्राथमिकता बताया है और इन सबकी कोशिश अपने इस कार्यकाल में परिषद के सुधार की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने की होगी.
जर्मनी का कहना है कि सुरक्षा परिषद में अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिकी देशों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, इसलिए सुरक्षा परिषद 21 सदी की हकीकत का प्रतिनिधित्व नहीं करता. विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले का कहना है कि जर्मनी स्थायी रूप से अधिक जिम्मेदारी लेना चाहता है और दीर्घकालीन रूप से सुरक्षा परिषद में साझा यूरोपीय सीट का समर्थन करता है.
वेस्टरवेले ने घोषणा की है कि सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में जर्मनी अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देगा, परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा और पर्यावरण सुरक्षा के अलावा संकट क्षेत्रों में बच्चों की बेहतर सुरक्षा का समर्थन करेगा.
उधर जर्मनी के विकास सहायता मंत्री डिर्क नीबेल ने कहा है कि सुरक्षा परिषद की सदस्यता के साथ विकास नीति में जर्मनी की जिम्मेदारी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि जर्मनी को पहले से ही विकास सहयोग में भरोसेमंद और ईमानदार सहयोगी माना जाता है, लेकिन सुरक्षा परिषद में शामिल होने के बाद उसकी जिम्मेदारी और बड़ी हो गई है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल