सुरक्षा परिषद में जर्मनी की स्थाई सीट की मांग
२६ सितम्बर २०१०जापान, भारत और ब्राजील जैसे देशों के साथ साथ जर्मनी भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट की इच्छा रखता है. विदेश मंत्री वेस्टरवेले ने महासभा में अपने पहले भाषण के जरिए यह संदेश भी दे दिया कि जर्मनी पर विश्वास किया जा सकता है. वेस्टरवेले के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव किया जाना जरूरी है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का ढांचा बदलती दुनिया को नहीं दिखाता है.
वेस्टरवेले ने जोर देकर कहा कि जर्मनी वैश्विक मुद्दों में अहम भूमिका निभाता रहा है. "विकास सहयोग में जर्मनी दुनिया में सबसे ज्यादा मदद देने वाले देशों में तीसरे नंबर पर है. हमने वित्तीय और आर्थिक मंदी से निपटने में सफलता पाई है और आर्थिक विकास के रास्ते पर अग्रसर हैं."
वेस्टरवेले ने स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए जर्मनी प्रयासों की अगुआई करना चाहता है. वेस्टरवेले के मुताबिक शांति और विकास को सुनिश्चित करने के लिए ही जर्मनी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट की मांग कर रहा है.
पुर्तगाल और कनाडा के साथ जर्मनी फिलहाल सुरक्षा परिषद की अस्थाई सीट की दौड़ में है जिसकी अवधि 2 साल होती है. सुरक्षा परिषद के नए अस्थाई सदस्यों के लिए फैसला अक्तूबर में किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासभा में जर्मनी को 192 सदस्य देशों के दो तिहाई मतों की जरूरत है.
जर्मनी अस्थाई सीट पाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है लेकिन उसका लक्ष्य स्थाई सीट को हासिल करना है. फिलहाल सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस हैं.
वैसे जर्मनी को अन्य देशों से सहयोग मिलने के संकेत दिख रहे हैं. ब्रिटेन के उपप्रधानमंत्री निक क्लेग ने कहा है कि वह बिना लाग लपेट के कहना चाहते हैं कि जर्मनी को सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट मिलनी चाहिए. क्लेग ने कहा है कि जापान, भारत, ब्राजील और किसी एक अफ्रीकी देश को सुरक्षा परिषद में सीट मिलनी चाहिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन