सुरक्षा बलों ने बनाई कश्मीर के लिए नई रणनीति
१६ सितम्बर २०१०सेना, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने बुधवार को एक बैठक के बाद कहा कि उन्होंने शांति कामय करने के लिए एक "संयुक्त रणनीति" तैयार की है. कश्मीर में पिछले तीन महीनों से भारत विरोधी प्रदर्शनों में लगभग 90 लोगों की जानें गई हैं. सेना के एक बयान में कहा गया है कि बैठक में अलगाववादियों से निपटने के उपायों पर बहुत गंभीरता से चर्चा की गई है. फिलहाल इस रणनीति का कोई विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन इतना बताया गया है कि यह रणनीति तुरंत लागू की जाएगी.
बुधवार को कश्मीर की स्थिति पर नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक हुई. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चली पांच घंटे की बैठक में फैसला हुआ कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल घाटी के जमीनी हालात जानने के लिए वहां का दौरा करेगा. कश्मीर परमाणु हथियारों से लैस भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से तनाव की वजह रहा है.
उधर मीडिया में भी कश्मीर की स्थिति ही छाई है. मेल टुडे अखबार के विश्लेषक मनोज जोशी लिखते हैं, "लडाइयां और विद्रोह नेता सुलझाते हैं, कमेटियां नहीं. मनमोहन सिंह सरकार शायद यह बात भूल गई है." हिन्दुस्तान टाइम्स के समर हलार्नकर ने लिखा, "दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक घाटी के मुद्दों की चर्चा करने में पूरी तरह विफल रही है." हालांकि इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने सरकार का पूरा समर्थन करते हुए लिखा, "किसी ने नहीं सोचा था कि यह सर्वदलीय बैठक एक ठोस आम सहमति के साथ समाप्त होगी जिसमें आगे बढ़ने के बारे में निर्णय लिया जाएगा. यह एक संकेत है कि राजनेता भारत की सबसे बड़ी समस्या ने निपटने के लिए एक दिशा में चल रहे हैं."
इस बीच कश्मीर में सभी प्रमुख कस्बों में पांचवें दिन भी कर्फ्यू लगा है. पुलिस ने बताया है कि इस दौरान रात में क्षेत्र के किसी हिस्से से कोई भी हिंसा की खबर नहीं आई है.
रिपोर्टः एएफपी/ईशा भाटिया
संपादनः ए कुमार