मंथन 69 में खास
८ जनवरी २०१४जर्मनी की हैम्बर्ग में स्थित एक कंपनी पत्तों को प्रोसेस कर खास तरह का तेल बनाती है. इस तेल को और रिफाइन कर ईंधन में तब्दील किया जा सकता है. दुनिया भर में ईंधन की मांग बढ़ रही है और उत्पादन कम हो रहा है. अगर इस तरीके को औद्योगिक उपयोग के तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो दुनिया में ईंधन की मांग को पूरा किया जा सकता है. यहीं नहीं हैम्बर्ग की पाईटेक कंपनी इस बायोफ्यूल के लिए अमेरिकी कंपनी के साथ मिल कर एक खास तरह का इंजन बनाने का प्रयोग भी कर रही है. मंथन में जानिए कि यह कैसे हो रहा है.
साथ ही बताएंगे कि पानी को किस तरह से बचाया जा सकता है. क्या आपने कभी कपड़े धोने के लिए एक ही पानी का बार बार इस्तेमाल किया है. जर्मनी में एक लॉन्ड्री ऐसा करती है. इस तरह से वह पानी के साथ बिजली भी बचा रही है. मंथन में इस बार जानिए कि किस तरह से कंपनियां ईंधन बनाने, ऊर्जा बचाने और पानी के सही इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये बचा और बना रही हैं.
क्रिमिनल डायरेक्टरी
अपराधी हर वक्त किसी न किसी अपराध की फिराक में रहते हैं. हर देश, हर शहर में हर तरह के अपराधी होते हैं. कोई चोर, कोई बलात्कारी या फिर कोई हत्यारा. इन सब अपराधियों की ऐसी प्रोफाइल बनाई जाती है जिससे उनकी मानसिक स्थिति, अपराध के लिए जिम्मेदार स्थिति या फिर पीड़ित से उनका रिश्ता तय किया जाता है.
जर्मनी में इस विषय पर खास तरह के लोग काम करते हैं. इन्हें क्रिमिनल प्रोफाइलर कहा जाता है. उनका काम बहुत ही मेहनत का होता है. कई दिन या फिर कई हफ्ते के बाद क्रिमिनल प्रोफाइलर किसी नतीजे पर पहुंचते हैं. हादसे का सिद्धांत जानने के लिए पूरी टीम साथ काम करती है. शो में जानिए कि कितनी जटिलता के साथ क्रिमिनल प्रोफाइरलर किसी अंजाम तक पहुंचते हैं.
मजदूरी में कैद बचपन
बायोफ्यूल और अपराधियों के बाद मंथन में बात होगी भारतीय बच्चों की. गरीब और बेहसहारा बच्चों ने अपनी तकदीर खुद बदलने की ठानी है. गरीब परिवार के बच्चे ऐसे स्कूलों में जाते हैं जहां उन्हें पढ़ाई के अलावा आत्मनिर्भर होना सिखाया भी जाता है. ये बच्चे एक अखबार भी निकालते हैं जिसमें उन्हीं जैसे बच्चों की कहानियां छपती हैं. बच्चों के अखबार बालकनामा और उससे जुड़े बाल पत्रकारों से मुलाकात मंथन में जरूर देखिए शनिवार सुबह 10.30 बजे डीडी नेश्नल पर.
एए/आईबी