सौ दिन से कैद है तुर्की में जर्मन पत्रकार
२५ मई २०१७आज डेनिस को आजादी से वंचित किये जाने का 100वां दिन है. मैं अपनी अनिश्चितता के कैलेंडर में एक और निशान लगा सकती हूं. 14 फरवरी को वह खुद पुलिस के पास पूछताछ के लिये गया था और तब से उसे हिरासत में रखा जा रहा है. मैं उसे 100 दिन से मिस कर रही हूं.
जेल के अंदर और बाहर के लोगों के बीच समानता यह है कि दोनों दिन गिनते हैं. लेकिन कुछ दिनों के बाद आप उलटी गिनती नहीं कर सकते. आपके सिर की ऑटोमैटिक घड़ी आपसे नहीं पूछती कि अब कितने दिन बचे हैं. वह पूछता है कि कितने दिन हो गये तुम्हारे प्रियजन को आजादी से महरूम हुए, बेवजह, अनुचित और बिना मुकदमे के? यह हर दिन होता है, हर सुबह.
जब महीनों बाद आरोपों की घोषणा की जाती है तो कैद पत्रकार और उनके परिवार वाले खुश होते हैं क्योंकि अब उन्हें पता होता है कि मुकदमे की सुनवाई कब होगी. कभी कभी हम में से वे लोग जो इस तरह के मामलों में कम अनुभवी हैं, ऊर्जावान योंका के पास जाते हैं जो पत्रकार अहमत सिक से विवाहित हैं. इसलिए कि योंका बहुत अनुभवी हैं. उनके पति दो बार गिरफ्तार हो चुके हैं. यह दिखाता है कि कितनी सारी असंगतियां हमारी जिंदगी को गढ़ रही हैं. अंदर और बाहर, तुम अपनी जिंदगी की विसंगियों के बारे में किताब लिख सकते हो.
अंदर और बाहर का मतलब है साथ मिलकर कानून के जंग लगे पहियों के फिर से घूमने का इंतजार करना.
यह साफ होना चाहिए कि मैं किसी माफी की उम्मीद नहीं कर रही हूं, सिर्फ आरोप पत्र दाखिल किये जाने की.
लेकिन मेरी एक और अंदरूनी घड़ी भी है. वह उन दिनों को गिन रही है जब से डेनिस कालकोठरी में कैद है. यह संख्या अब 87 दिन है. यह अपने आप में मानवाधिकारों का हनन है. एकाकीपन शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचा सकता है, जिसका असर कभी भी सामने आ सकता है. जबरन एकाकीपन मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न है.
अंदर और बाहर होने का मतलब है कि हम एक ही आसमान देखते हैं, अलग अलग आंखों से. यह जानना कि हम दोनों एक ही आसमान के नीचे रहते हैं, कि हम जब ऊपर देखते हैं, एक ही आसमान देखते हैं, भले ही हम कहीं हों, शायद चीजों को थोड़ा सा आसान बनाता है. लेकिन दरअसल हम वही आसमान नहीं देखते जो डेनिस और दूसरे कैद पत्रकार देखते हैं, हममें से कोई नहीं. डेनिस आसमान को जेल की सलाखों के पीछे से देखता है.
वह भूलता जा रहा है कि बाहर क्या है, पर मैं भी लगातार सोचती रहती हूं कि अंदर रहकर वह क्या मिस कर रहा है. मैं सिर्फ ये नहीं सोचती कि उनसे उनकी आजादी कैसे छीन ली गयी है, कि उन्हें बिना किसी कारण के गिरफ्तार किया गया है, बल्कि यह भी कि उनके मौलिक अधिकार छीन लिये गये हैं.
अंदर और बाहर का मतलब है हफ्ते में एक बार एक घंटे के लिए शीशे के इस पार और उस पार से टेलिफोन पर बात करने के लिए इंतजार करना. इसका मतलब है खुली मुलाकात के लिये इंतजार करना, जो हर दो महीने पर होता है. चूंकि मेरा विजिटर के रूप में पहले का कोई अनुभव नहीं है, मैं सिर्फ इतना बता सकती हूं कि मैंने सिलिवरी जाना अच्छी तरह सीख लिया है.
मैं उस जगह जाती हूं कि जहां डेनिस को 87 दिनों से बिना आरोप पत्र दाखिल किये कालकोठरी में रखा जा रहा है. उस पर एक आतंकवादी संगठन के लिए प्रचार करने और लोगों के बीच शत्रुता तथा घृणा फैलाने का आरोप लगाया गया है. एकमात्र सबूत जो अधिकारियों ने दिये हैं वे उसके लेख और इंटरव्यू हैं जो पत्रकार के रूप में उसके काम का हिस्सा हैं और जिसे तुर्की प्रेस कानून के हिसाब से सीमित किया जा सकता है. उनमें से कुछ का गलत अनुवाद किया गया है.
सिलिवरी का रास्ता कोई गुलाबों से भरा नहीं है. इस रोड पर एकबारगी हजारों भावनाएं पैदा होती हैं. इस रोड के साथ जुड़े रोमांच, इंतजार और तनाव से दिमाग खराब हो जाता है, जबकि आप अपने प्रियजन से मिलने से पहले चेकपोस्ट, आंखों के स्कैन और घूमने वाले दरवाजों से गुजरते हो.
एक दूसरे को बांटने वाले साउंडप्रूफ ग्लास के आर पार से टेलिफोन पर बातचीत करते एक घंटा बिताने के बाद, जब वक्त खत्म हो जाता है तो एक सिग्नल आता है, जिसका मतलब होता है कि अब विदा लेने का वक्त आ गया है. अंदर और बाहर का मतलब होता है, मुलाकात के समय के बाद आपने विदा ले ली है, हाथ हिलाकर आप घूमते हैं और आपके चेहरे की हंसी अचानक गायब हो जाती है.
यह मत समझिए कि कैद केवल किसी स्थान से जुड़ी बात है. यह वह प्रक्रिया है जिसमें हर इंतजार करने वाला एक बाड़े में घेर दिया जाता है जो उसके सपनों तक जाता है. यदि बाहर ऐसा है तो कल्पना कीजिये कि अंदर कैसा होगा. जेल के बंद दरवाजे के अंदर का एकाकीपन कभी कभी टूटता है, वकील के आने पर, सांसद के आने पर या हफ्ते में एक बार परिवार के किसी सदस्य के आने पर. एकाकीपन की कल्पना कीजिए. अंदर होने का यही मतलब है.
डेनिस 100 दिनों से कैद है. वह अपनों और अपने प्यारे काम से बहुत दूर है. मैं सौ दिनों से बाहर हूं. 100 दिनों से बाहर मेरी जिंदगी उतनी ही अच्छी है जितनी सूखी जमीन पर मछली की हो सकती है.
बाहर होने का मतलब यह भी होता है कि आप परिवार के सदस्यों और दूसरे गिरफ्तार पत्रकारों की पत्नियों के साथ गहरी एकजुटता महसूस करते हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अंदर हैं या बाहर हैं. इसका मतलब है कि यह अहसास कि आप सही हैं, आपको अपना सिर और ऊंचा रखने देता है. मैं डेनिस की मजबूती से हैरान हूं, यह मुझे भी ताकत देता है. उसके पत्रकार होने में, जो सही काम कर रहा है, मेरा गर्व अतीत, वर्तमान और भविष्य को समेटता है.
मैं कभी भी नफरत की भाषा का इस्तेमाल नहीं करूंगी, क्योंकि यदि आप सही हैं तो यह आपको एक तरह का सम्मान देता है. यदि डेनिस आरोप पत्र दाखिल न किये जाने और बेवजह नजरबंद रखे जाने के बावजूद दृढ़ और शरीफ रह सकता है, तो सिर्फ इसी वजह से.