हमले की हवा बनाने के लिए मिसाइल
४ अप्रैल २०१३मिसाइल तैनात करने की खबर आने से कुछ ही घंटे पहले उत्तर कोरिया की सेना ने चेतावनी दी कि उसे अमेरिका पर हल्के परमाणु हथियारों से हमला करने का अधिकार मिल चुका है. उधर अमेरिकी रक्षा विभाग ने एलान किया है कि वह अपनी मिसाइल प्रतिरक्षा तंत्र को गुआम के अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र में तैनात करने जा रहा है. अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगेल ने कहा कि उनका देश तनाव खत्म करने के लिए जो कुछ भी संभव है वह कर रहा है. हेगेल ने बुधवार को कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में जो कार्रवाइयां हुई हैं उनसे साफ तौर हमारे सहयोगियों के लिए खतरा है जो दक्षिण कोरिया और जापान से शुरू होता है. इसके अलावा यह भी चेतावनी मिल रही है कि गुआम के अमेरिकी बेस पर भी उत्तर कोरिया हमला कर सकता है."
उधर दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्री किम क्वान जिन ने इन खबरों को खारिज किया है कि उत्तर कोरिया ने केएन 08 मिसाइल तैनात किया है जो अमेरिका तक मार करने में सक्षम है. ऐसी खबरें जापान की मीडिया में आई हैं. किम ने कोरियाई सांसदों को बताया कि मिसाइल लंबी दूरी तक मार कर सकती है, लेकिन यह अमेरिकी जमीन तक नहीं पहुंच पाएगी. मिसाइल तैनात करने के कारण के बारे में भी उन्होंने कुछ नहीं बताया और बस इतना कहा कि यह परीक्षण या अभ्यास के लिए लाया गया होगा. जानकारों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने अब तक यह नहीं दिखाया है कि उसके पास लंबी दूरी और सटीक मार करने वाली मिसाइलें हैं. कुछ जानकार तो यह संदेह भी जताते हैं कि पिछले साल परेड में दिखाई गई मिसाइलें दिखावटी थीं.
दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सेना को अब तक कोई ऐसा संकेत नहीं मिला है कि उत्तर कोरिया खुली जंग की तैयारी कर रहा है. किम उत्तर कोरिया की हरकतों को बस धमकी और भड़काऊ हरकतें ही मान रहे हैं. हालांकि उन्होंने छोटे स्तर पर दक्षिण कोरिया के खिलाफ जंग की आशंका से इनकार नहीं किया. उन्होंने 2010 में हुई गोलाबारी की ओर ध्यान दिलाया जिसमें चार दक्षिण कोरियाई नागरिक मारे गए थे. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि देश की सेना उत्तर कोरिया के किसी भी भड़काऊ हरकत का सामना करने और जवाब देने के लिए तैयार है. रक्षा मंत्रायल के उप प्रवक्ता वी योंग ने पत्रकारों से कहा, "मैं कह सकता हूं कि हमें संकट का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं है."
उत्तर कोरिया की सेना की तरफ से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया है, "हम व्हाइट हाउस और पेंटागन को औपचारिक रूप से बता रहे हैं कि अमेरिका की डीपीआरके खिलाफ शत्रुतापूर्ण नीतियों और परमाणु खतरों का सेना अपने छोटे, उन्नत और अलग अलग तरह के परमाणु हथियारों से कड़ा जवाब देगी." यह बयान सेना के प्रवक्ता की तरफ से सरकारी मीडिया में आया है. इसमें उत्तर कोरिया को उसके आधिकारिक नाम डेमोक्रैटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी डीपीआरके कहा गया है.
इस बीच चीन ने अपनी सेना को तैयार रहने के लिए कह दिया है और कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव को और फैलने से रोकने के काम करने में जुट गया. चीन के सैनिक अधिकारी उत्तर कोरिया के परमाणु संयंत्रों और चीन में शरणार्थियों के संभावित घुसपैठ को लेकर चिंतित हैं. इसके अलावा उन्हें इस बात की भी चिंता है कि उत्तर कोरिया की भड़काने वाली हरकतें एक बार फिर कोरियाई प्रायद्वीप में आग लगा देंगी. चीन और कोरिया के बीच 1400 किलोमीटर की साझी सीमा है. अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि चीन ने उत्तर कोरियाई सीमा पर सेना की तैनाती शुरू कर दी है लेकिन चीन सरकार ने इस बारे में कुछ कहने से इनकार कर दिया है.
उत्तर कोरिया, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैनिक अभ्यासों पर लगातार विरोध और गुस्सा दर्ज कराता रहा है इसके साथ ही फरवरी में परमाणु परीक्षण के बाद उस पर लगे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों ने भी उसकी नाराजगी बढ़ा दी है. कई बार उसकी हरकतें बड़बोलेपन से भी आगे निकल जा रही हैं. गुरुवार को लगातार दूसरे दिन उसने काएसोंग के संयुक्त औद्योगिक क्षेत्र में दक्षिण कोरियाई कर्मचारियों का आना रोके रखा है. उत्तर कोरियाई सरकार की एक कमेटी ने काएसोंग से उत्तर कोरियाई कर्मचारियों को भी बाहर करने की धमकी दी है. मंगलवार को उत्तर कोरिया ने 2007 से बंद पड़े एक परमाणु रिएक्टर को दोबारा चालू करने की बात कही और उपग्रह से मिली तस्वीरें बता रही हैं कि रिएक्टर को दोबारा चालू करने के लिए जरूरी निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है.
पिछले दिनों में उत्तर कोरिया ने कई बार अमेरिका पर हमले की बात कही और उसमें सेना का ये एलान सबसे नया है. इस बीच उत्तर कोरिया के अपने परमाणु क्षमता को बेहतर करने की बात भी सामने आ रही है.
एनआर/एमजे(एएफपी, डीपीए)