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हमलों के बीच ओबामा बोले, गद्दाफी को जाना होगा

४ मार्च २०११

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लीबिया के नेता मुअम्मर गद्दाफी से सत्ता छोड़ने को कहा है. गुरुवार को भी लीबियाई विमानों ने सरकार विरोधियों के ठिकानों पर गोलाबारी की. संकट में मध्यस्थता की वेनेजुएला की कोशिश खारिज हुई.

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तस्वीर: AP

वेजेजुएला के राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज ने एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ मिशन का प्रस्ताव रखा ताकि उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया को संकट ने निकाला जा सके. लेकिन कर्नल गद्दाफी की सरकार के खिलाफ मुहिम चला रहे लोगों ने इस खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि इस तरह की कोशिशों के लिए बहुत देर हो चुकी है. लीबिया में गद्दाफी के 41 साल के शासन के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों को दो हफ्तों से ज्यादा समय बीत गया है. गुरुवार को देश की वायुसेना ने तेल संयंत्रों वाले ब्रेगा शहर में गोलाबारी की जो विद्रोहियों के कब्जे में है. हालांकि हवाई कार्रवाई में मुख्य ठिकाने तेल रिफाइनरी को निशाना नहीं बनाया गया.

गुरुवार को शहर के ऊपर विमान मंडराते देखे गए जिससे यह आशंका पैदा होने लगी कि गद्दाफी के वफादार सैनिक इस बंदरगाह शहर को फिर से अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश करेंगे जो पूर्वी शहर बेनगाजी से लगभग 200 किलोमीटर पूर्व में है. गुरुवार को यह भी अफवाह फैली की सरकारी सैनिक सब सहारा अफ्रीका से बुलाए गए भाड़े के लड़ाकों के साथ मिल कर कार्रवाई करने जा रहे हैं, लेकिन रात होने तक किसी नई कार्रवाई के संकेत नहीं मिले.

अंतरराष्ट्रीय दबाव बरकरार

अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि अपने ही लोगों पर गद्दाफी के हमले बताते हैं कि वह अपनी सारी वैधता खो चुके हैं. उन्होंने कहा, "अमेरिका और पूरी दुनिया लीबियाई लोगों पर हो रही हिंसा से क्षुब्ध है. हम फिर से यह संदेश देना चाहते हैं कि हिंसा खत्म होनी चाहिए. मुअम्मर गद्दाफी ने अपनी वैधता खो दी है. उन्हें जाना होगा."

Libyen Muammar al-Gaddafi Ansprache Fernsehen NO FLASH
तस्वीर: Libya State/AP/dapd

वहीं रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने कहा है कि लीबिया गृह युद्ध के कगार पर है. रूस के आपात मंत्री से राष्ट्रपति की बातचीत का हवाला देते हुए सरकारी मीडिया ने लिखा है, "लीबिया गृह युद्ध के कगार पर था और है. हमारा मुख्य काम वहां लोगों को बचाना है." इस बातचीत का मकसद लीबिया में मौजूद रूसी नागरिकों को वहां से निकालना था. उधर ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह इन मीडिया रिपोर्टों की तत्काल जांच कर रहा है जिनके मुताबिक ब्रेगा में एक ब्रिटिश-लीबियाई नागरिक मारा गया है. वहीं डच रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आम लोगों को लीबिया से निकालने के काम में लगे तीन डच नौसैनिकों को सरकारी सैनिकों ने हिरासत में ले लिया है.

गद्दाफी ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगर पश्चिमी जगत ने सैन्य कार्रवाई की तो हजारों मारे गए जाएंगे. यह बात उन्होंने लीबियाई विपक्ष की ओर से पश्चिम से सैन्य कार्रवाई करने की अपील के बाद कही. इस बीच हेग की अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत ने कहा है कि गद्दाफी और उनके नजदीकी लोगों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों और जनांदोलन को कुचलने के मामले में जांच होगी.

मिशन मध्यस्थता खारिज

वेनेजुएला के एक मंत्री ने कहा कि लीबिया और अरब लीग राष्ट्रपति शावेज की तरफ से दिए गए मध्यस्थता के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं ताकि लीबियाई संकट का शांतिपूर्ण हल तलाशा जा सके. सूचना मंत्री आंद्रेस इजारा ने बताया, "हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि लीबिया और उसके साथ साथ अरब लीग भी प्रस्ताव को स्वीकार करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं." लेकिन लीबिया के सरकार विरोधियों ने ऐसे किसी प्रस्ताव को खारिज किया है. बेनगाजी शहर में स्वघोषित विपक्षी राष्ट्रीय परिषद के प्रवक्ता मुस्तफा गेरियानी ने कहा, "हम बहुत ही साफ तौर पर कहते हैं. अब बहुत देर हो चुकी है. बहुत सा खून बह चुका है."

Libyen Unruhen Proteste in Tobruk Plakaten Demonstration
तस्वीर: dapd

अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने भी शावेज की पेशकश को खारिज किया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता फिलिफ क्राउली ने कहा, "अपने देश की जनता की भलाई के लिए गद्दाफी को क्या करना है, यह बताने के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय आयोग की जरूरत नहीं है." लीबिया में जारी संकट के चलते अपनी जान बचाने के लिए पहले ही एक लाख लोग देश छोड़ कर जा चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक लीबिया में दो हफ्तों से जारी विद्रोही में अब तक कम से कम एक हजार लोग मारे गए हैं. लीबिया में तेल उत्पादन घट कर आधा हो गया है जो विद्रोह से पहले प्रति दिन 16 लाख बैरल था.

उबलता मध्यपूर्व

अरब जगत के कई देशों में निरंकुश सत्ताओं के खिलाफ इन दिनों आंदोलन चल रहे हैं. मिस्र में प्रधानमंत्री अहमद शफीक ने अचानक गुरुवार को इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद सरकार विरोधी जश्न मनाते देखे गए. प्रदर्शनकारी सत्ता से बेदखल किए गए राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के सभी साथियों को सरकार से अलग करने की मांग कर रहे हैं. हाल में मिस्र में लगभग बीस दिन के प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रपति मुबारक को सत्ता छोड़ने पड़ी. इससे पहले जनता ने ट्यूनीशिया में राष्ट्रपति बेन अली को देश छोड़ कर भागने के लिए मजबूर कर दिया.

यमन की राजधानी साना में विपक्षी गुटों ने गुरुवार को मुश्किलों में घिरे राष्ट्रपति अली अब्दुल साहेल को 2011 तक सुगम तरीके से सत्ता छोड़ने की पेशकश की है. सउदी अरब में भी इंटरनेट पर कुछ लोगों ने शुक्रवार को आक्रोश दिवस मनाने का एलान किया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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