हाथ से फ़िसला था ओसामा
३० नवम्बर २००९अमेरिकी सेनेट की विदेश नैतिक समिति के लिए तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लादेन के तोरा बोरा की पहाड़ियों में छिपे रहने के दौरान अगर एक व्यापक सैनिक कार्रवाई की जाती, तो उसे पकड़ा जा सकता था. लेकिन अमेरिकी सैनिक अधिकारियों ने कुमक भेजने की अपील ठुकरा दी और अफ़ग़ान छापामारों पर हमले की ज़िम्मेदारी सौंपी गई. इस प्रकार ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान भागने में कामयाब रहा. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी दस्तों की पूरी ताकत लड़ाई से बाहर रही.
सेनेट के डेमोक्रेट बहुमत के एक कार्यदल ने यह रिपोर्ट तैयार की है, और इसमें ख़ासकर तत्कालीन रक्षा मंत्री डोनाल्ड रमस्फेल्ड व उस समय के सैनिक कमांडर जनरल टॉमी फ़्रैंक्स की आलोचना की गई है.
रिपोर्ट में बिन लादेन के भागने के राजनीतिक महत्व की ओर भी ध्यान दिलाया गया है. ओसामा आतंकवादियों के लिए एक प्रतीक बन चुका है. रिपोर्ट में माना गया है कि वह अब भी पाकिस्तान के कबीलाई इलाकों में छिपा हुआ है.
विदेश नीति समिति के अध्यक्ष डेमोक्रेटिक सेनेटर जॉन केरी की राय में बुश प्रशासन की ओर से इस मामले में एक महत्वपूर्ण मौक़ा गवां दिया गया. यह रिपोर्ट एक ऐसे समय में आई है, जब अटकलें लगाई जा रही हैं कि राष्ट्रपति ओबामा अफ़ग़ानिस्तान में और 30 हज़ार सैनिक भेजने की घोषणा कर सकते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: एस जोशी