'हिंदू और मुसलमानों की आबादी बढ़ेगी'
१९ दिसम्बर २०१२वॉशिंगटन में मौजूद 'पिउ' फोरम की रिपोर्ट "द ग्लोबल रिलीजियस लैंडस्केप" के अनुसार इस समय विश्व भर में ईसाई और मुस्लिम धर्म के मानने वाले सबसे अधिक हैं. उसके बाद तीसरा बड़ा समूह किसी भी धर्म को न मानने वालों का है. चौथी सबसे बड़ी संख्या हिन्दू धर्म के मानने वालों की है. ईसाई धर्म एक ऐसा धर्म है जो दुनिया भर में समान रूप से फैला है, जबकि हिन्दू धर्म मानने वालों की 94 फीसदी आबादी भारत में ही है.
इन आंकड़ों के अनुसार दुनिया की 84 फीसदी आबादी यानि लगभग 6.9 अरब लोग किसी न किसी धर्म को मानते हैं जबकि बाकी वे हैं जो अपने आपको किसी भी धर्म की सीमा में बांध कर नहीं रखते. इनमें नास्तिक और आध्यात्म के मानने वाले शामिल हैं. रिपोर्ट इस बात पर भी जोर देती है कि किसी भी धर्म से नहीं जुड़े होने के बावजूद इन लोगों की कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं.
जनसंख्या विशेषज्ञ कोनराड हैकेट कहते हैं, ''यह रिपोर्ट 2500 गणनाओं, सर्वेक्षणों और जनसंख्या के रजिस्टरों की मदद से बनाई गई है. इसमें धर्म को न मानने वालों को नास्तिक और आध्यात्म को मानने वालों में बांटा नहीं गया है. इन्हें एक इकाई मान कर यह रिपोर्ट तैयार की गई है.''
इस्लाम और भविष्य
सारी दुनिया में धार्मिक लोगों की न्यूनतम मध्य आयु 28 साल है, जबकि इस्लाम धर्म मानने वालों की आधी आबादी 23 साल से कम है. हैकेट के अनुसार, ''भविष्य में मुसलमान आबादी में बढ़ने वाले हैं और उनमें ज्यादातर युवा होंगे.''
इसके विपरीत यहूदी धर्म के मानने वालों की औसत मध्य आयु 36 साल है, जो किसी भी और धर्म से अधिक है. विश्व की कुल आबादी में से सिर्फ 0.2 फीसदी ही यहूदी धर्म का पालन कर रहे हैं. ये आंकड़े इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि विश्व में यहूदी आबादी बढ़ने की सबसे कम संभावना है. इसाई धर्म को मानने वालों की औसत मध्य आयु 30 और हिन्दू धर्म की 26 बताई गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार जिन धर्मों को मानने वाली आधी आबादी 34 वर्ष से कम है, उनके फैलने की कम संभावना है.
धर्मों की हिस्सेदारी
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में ईसाई धर्म को मानने वाले की संख्या सबसे ज्यादा 31.5 फीसदी है. इसमें 50 फीसदी कैथोलिक हैं. मुसलमानों की आबादी 1.6 अरब आंकी गई है, जो कुल आबादी की 23 फीसदी है. इसमें से लगभग 90 फीसदी लोग सुन्नी और लगभग 10 फीसदी शिया मान्यताओं को मानने वाले हैं. दुनिया भर में धर्म को न मानने वालों की 1.1 अरब आबादी में से सिर्फ चीन में ही 62 फीसदी रहती है. और ये चीन की कुल आबादी का 52.2 फीसदी हिस्सा है. चीन के बाद इनकी सबसे बड़ी आबादी जापान में है. संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में 16.4 फीसदी लोग कोई भी धर्म नहीं मानते. दुनिया भर की हिन्दू आबादी भारत, बांग्लादेश और नेपाल में रहती है. बौद्ध धर्म के कुल मानने वालों में से लगभग आधे चीन में रहते हैं. इसके अलावा थाइलैंड और जापान में भी बौद्ध धर्म के काफी मानने वाले रहते हैं.
दुनिया के 1 फीसदी लोग कुछ दूसरे धर्मों को मानते हैं जिनमें जैन, शिंतोई, सिख और बहाई धर्म शामिल हैं.
एसएफ/एमजे(रॉयटर्स)