होनहार होफ़ेनहाइम
२१ अगस्त २००९ज़िले की लीग में खेलते रहने के बाद सन 2001 में वह क्षेत्रीय लीग में आया, और सन 2006 तक उसमें बना रहा. उसके बाद शुरू हुआ चमत्कार का एक दौर.
सन 2006-07 के सत्र में क्षेत्रीय लीग, 2007-08 में बुंडेसलीगा की दूसरी लीग और 2008-09 के पिछले सत्र में बुंडेसलीगा. इतना ही नहीं, पिछले सत्र में हाफ़टाइम तक वह बायर्न म्युंचेन के साथ लीग की तालिका में पहले स्थान पर रहा. हालांकि दूसरे हिस्से में यह कामयाबी जारी नहीं रही, और अंततः वह तालिका में सातवें स्थान पर आया.
यह चमत्कार संभव हुआ है प्रसिद्ध उद्यम एसएपी के प्रतिष्ठाता डीटमार होप्प की वजह से, जो कभी खुद होफ़ेनहाइम की टीम में खेलते थे. उनकी वित्तीय मदद के चलते सन 1990 से यह क्लब लगातार आगे बढ़ता जा रहा है. सिर्फ़ सीनियरों की टीम ही नहीं, होफ़ेनहाइम की जुनियर ए और बी टीम भी अपने-अपने वर्गों में सर्वोच्च स्तर पर खेलती हैं. जुनियरों की बी टीम पिछले साल 17 वर्ष तक के आयु वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन थी.
बुंडेसलीगा में आने के बाद भी क्लब के पास अपना स्टेडियम नहीं था. इस बीच ज़िंसहाइम में उसका नया राइन-नेकार आरेना स्टेडियम बना है, जहां 30150 दर्शकों के लिए जगह है. बुंडेसलीगा में आने के बाद टीम के खिलाड़ियों पर राष्ट्रीय कोच योआखिम ल्योव की नज़र गई है. इस बीच राष्ट्रीय टीम में क्लब के तीन खिलाड़ियों, मार्विन कोम्पर, आंद्रेयास बेक और थोबियास वाइज़ को जगह मिल चुकी है.
इस सत्र में बायर्न म्युंचेन के साथ होफ़ेनहाइम का पहला मैच ड्रॉ रहा, लेकिन दूसरे मैच में बायर लेवरकूज़ेन के हाथों उसे 1-0 से मात खानी पड़ी. एक अंक के साथ अभी वह 14वें स्थान पर है.
लेखक: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: एस जोशी