आर्थिक संकट के बाद रोजगार संकट में यूरोप
११ जुलाई २०१२अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐसा नहीं है कि सिर्फ यूरो जोन ही मुश्किल में है. पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था संक्रमण के खतरे में हैं."
आईएलओ की रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार संकट का सबसे ज्यादा बुरा असर 17 देशों के यूरो जोन को उठाना पड़ रहा है. श्रम संगठन ने संकट से निपटने के लिए बचत, और कटौती के नारे बुलंद करने वालों को आगाह किया. कटौती के बजाए ज्यादा जोर रोजगार पैदा करने पर दिया गया है.
बुधवार को जिनेवा में रिपोर्ट जारी करते हुए आईएलओ के निदेशक जनरल जुआन सोमाविया ने कहा, "वास्तविक आर्थिक निवेश को बढ़ाने के निश्चित कदमों के बिना आर्थिक संकट गहरा होता जाएगा. रोजगार वापसी कभी नहीं हो सकेगी."
आईएलओ का कहना है कि लंबे समय तक कटौती का तरीका अपनाने से खास तौर पर युवाओं पर बुरा असर पड़ेगा. कहा गया है कि 2008 की वैश्विक मंदी के बाद कंपनियों को उम्मीद थी कि वे संकट से निकल आएंगी. इसके चलते उन्होंने कर्मचारियों को बहाल रखा. लेकिन अब चार साल बाद हालत बहुत सुधरते नहीं दिख रहे हैं. चेतावनी देते हुए कहा गया है, "अगर उम्मीदें सच साबित नहीं हुईं तो कर्मचारियों को बहाल रखना बूते से बाहर हो जाएगा. यह रास्ता नौकरियों की कटौती की ओर बढ़ेगा."
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कुछ सुझाव भी दिये हैं. इनमें कहा गया है; छोटे कारोबार के लिए कर्ज देना और उनकी मदद के लिए वित्तीय ढांचा तैयार करना होगा. बैंकों की आर्थिक सहायता के लिए शेयरधारकों से पैसा लेना होगा. युवा बेरोजगारों के लिए प्रशिक्षण, शिक्षा और नौकरी पक्की करना. उत्पादन क्षमता के अंतर को कम करने के लिए यूरो जोन के अलग अलग देशों में तनख्वाह के स्तर में बदलाव करना भी जरूरी है.
यूरोस्टेट के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मई में यूरो जोन में बेरोजगारी दर 11.1 फीसदी पहुंच गई. 17 देशों में अब 1.75 करोड़ लोग बेरोजगार हैं. 1995 के बाद बेरोजगारों की यह सबसे ज्यादा संख्या है. स्पेन की हालत सबसे बुरी है. वहां चार में एक आदमी बेरोजगार है.
युवाओं में बेरोजगारी की बात की जाए तो यूरो जोन में यह दर 22.6 फीसदी है. 25 साल से कम उम्र के 34 लाख युवा बेरोजगार हैं. इटली, पुर्तगाल और स्लोवाकिया के 30 फीसदी युवाओं के पास नौकरी नहीं है. स्पेन और ग्रीस में तो 50 फीसदी युवा रोजगार की उम्मीद में टकटकी लगाये बैठे हैं. सरकार पर ताना मारते हुए आईएलओ ने कहा है कि युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के मामले में यूरो जोन की सरकारें कुल 21 अरब यूरो खर्च कर रही हैं जो मात्र .05 फीसदी है.
ओएसजे/एनआर (डीपीए, एएफपी)